सावन 2019 : जानिए शिव की सबसे बड़ी 9 प्रतिमाओं के बारें में, जो विश्व भर में है मशहूर…

सावन का महीना शुरू हो चुका है यह माह हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। क्योंकि इन दिनों देवों के देव महादेव की हर कोई बड़े ही श्रधा से पूजा करता है। कहते हैं कि भगवान शिव को भी सावन का महीना बहुत पसंद है. इस माह में लोग भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन सोमवार व्रत रखते और कावड़ यात्रा पर जाते हैं| शिव भक्त भगवान शिव के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते हैं। यहां आपको हम बताने जा रहे हैं विश्व की 9 सबसे बड़ी शिव प्रतिमाओं के बारे में…

सावन 2019 : जानिए शिव की सबसे बड़ी 9 प्रतिमाओं के बारें में, जो विश्व भर में है मशहूर...

कचनार महादेव (मध्यप्रदेश)- इस मूर्ति की ऊंचाई लगभग 76 फुट है। यह मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के कचनार शहर में स्थित है। यहां पर 12 ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृतियां भी बनाई गई है।

कैलाशनाथ महादेव (नेपाल) – सबसे पहले नम्बर पर नेपाल की कैसलाशनाथ की प्रतिमा आती है, जिसकी ऊंचाई 45 मीटर यानि की करीब 143 फुट है। यह मूर्ति चित्तपोल सांगा जिला भक्तापुर में स्थित है। इसका निर्माण कार्य 2004 में शुरू हुआ था और 2010 में यह मूर्ति बनकर तैयार हो गई थी। इस मूर्ति के निर्माण में लगभग 11 करोड़ की लागत आई थी।

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मुरुदेश्वरा (कर्नाटक)- शिव की दूसरी बड़ी मूर्ति कर्नाटक के मुरुदेश्वर मंदिर में स्थित है। मुरुदेश्वर भगवान शिव का ही एक नाम है। यह मंदिर कर्नाटक राज्य के उत्तर कन्नड़ जिला के भटकल तहसील में है। इस मंदिर में बनी मूर्ति की ऊंचाई 37 मीटर यानि कि करीब 123 फुट है। यह प्रतिमा अरब सागर के तट पर स्थित है। इस जगह पर शिव जी का आत्मलिंग स्थित है, जो कि रामायण के समय से संबंध रखता है। ऐसा माना जाता है कि अमरता पाने के लिए भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु रावण उनका आत्मलिंग लंका में ले जा रहा था तभी इस रास्ते पर आत्मलिंग को धरती पर रखने के कारण यह वहीं पर स्थापित हो गया था।

मंगल महादेव (मॉरीशस)- महादेव की यह प्रतिमा मॉरीशस के गंगा झील के पास स्थापित की गई है। इस मूर्ति की ऊंचाई 33 मीटर यानि कि लगभग 108 फुट है। इसे मॉरीशस का पवित्र स्थान माना जाता है। शिवरात्री पर बहुत से श्रद्धालु इस स्थान तक अपने घरों से नंगे पैर आते हैं।

हर की पौड़ी (उत्तराखंड)- यह मूर्ति हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे स्थित है। इसकी ऊंचाई 30.5 मीटर है, लगभग 100 फुट है। हर शाम इस स्थान पर हज़ारों दीपक जलाए जाते हैं और शिव की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि यह घाट विक्रमादित्य ने अपने भाई भतृहरि की स्मृति में बनवाया था।

शिवगिरि महादेव (कर्नाटक)- यह मूर्ति कर्नाटक के बीजापुर नामक स्थान पर स्थित है। इसकी ऊंचाई 85 फुट यानि कि 26 मीटर है। इस मूर्ति को 2006 में स्थापित किया गया था।

नागेश्वर महादेव (गुजरात)- यहां भगवान शिव की विशालकाय मूर्ति नागेश्वर मंदिर में स्थित है। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मंदिर प्रांगण के बाहर भगवान शिव की विशालकाय मूर्ति भूतल से 82 फुट ऊंची और चौड़ाई में 25 फुट चौड़ी है। इसी ऊंचाई की एक मूर्ति मध्यप्रदेश के ओंकारेश्‍वर में भी स्थापित है। ओंकारेश्वर भी भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से है।

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कचनार महादेव (मध्यप्रदेश)- इस मूर्ति की ऊंचाई लगभग 76 फुट है। यह मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के कचनार शहर में स्थित है। यहां पर 12 ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृतियां भी बनाई गई है।

कैम्प फोर्ट शिव मूर्ति (कर्नाटक)- इस मूर्ति की स्थापना 1995 में की गई थी। इसकी ऊंचाई करीब 65 फुट है। इस मूर्ति में भोलेनाथ पद्मासन की मुद्रा में बैठे हुए हैं।

बेलीश्वर महादेव (ओडिशा)- इस मूर्ति की ऊंचाई 61 फुट है। यह ओडिशा के भंजनगर नामक स्थान पर स्थित है। 6 मार्च 2013 को इस मूर्ति को स्थापित किया गया था।

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