साक्षी महाराज का विवादित बयान,कहा: ममता कहीं हिरण्य कश्यप की खानदान से तो नहीं

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है. पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनावों में हार का सामना करने वाली तृणमूल कांग्रेस के जख्मों पर नमक छिड़कते हुए बीजेपी ने जय श्री राम लिखा दस लाख पोस्टकार्ड भेजने का फैसला किया है. वहीं बीजेपी के सांसद साक्षी महाराज ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हिरण्य कश्यप की खानदान का बताया है.

साक्षी महाराज

हरिद्वार में साक्षी महाराज ने ममता बनर्जी को हिरण्य कश्यप की खानदान का बताया, जो जयश्री राम बोलने पर जेल भेजने की बात करती हैं. उन्होंने कहा कि बंगाल का नाम आते ही त्रेता युग की याद आती है. जब राक्षस राज हिरण्य कश्यप ने जयश्री राम बोलने पर अपने बेटे को जेल में डाल कर यातनाएं दी थीं. बंगाल में ममता भी यही कर रही हैं. जयश्री राम बोलने पर जेल में डाल रही हैं और यातनाएं दे रही हैं. ममता कहीं हिरण्य कश्यप के खानदान की तो नहीं हैं?

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साक्षी महाराज ने कहा कि ममता का शासन अलगाववाद से कम नहीं है. इससे बंगाली आहत हैं और इसका खामियाजा ममता को भुगतान पड़ेगा. विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सरकार बनेगी.

इससे पहले पश्चिम बंगाल से बीजेपी के नवनिर्वाचित सांसद अर्जुन सिंह ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री के आवास पर 10 लाख पोस्टकार्ड भेजने का निर्णय किया है जिन पर जय श्रीराम लिखा होगा. तृणमूल कांग्रेस के विधायक रह चुके अर्जुन सिंह आम चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. उन्होंने यह बात बीजेपी कार्यकर्ताओं के समूह पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने के बाद कही जो उस स्थान के बाहर प्रदर्शन के दौरान जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे जहां तृणमूल कांग्रेस के नेता बैठक कर रहे थे.

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तृणमूल कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि पार्टी के नेता उत्तर 24 परगना जिले के कांचरापाडा में एकत्रित हुए थे, ताकि पार्टी के उन कार्यालयों को फिर से वापस लेने की रणनीति बनायी जा सके जिन्हें कथित रूप से बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ले लिया है. कांचरापाडा अर्जुन सिंह के बैरकपुर संसदीय क्षेत्र के तहत आता है. तृणमूल कांग्रेस नेता एवं राज्य के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक ने दावा किया कि अर्जुन सिंह और बीजेपी नेता मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय ने क्षेत्र में कठिनाईं पैदा करने की साजिश रची है.

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पुलिस सूत्रों ने कहा कि बैठक स्थल के बाहर एकत्रित लोगों ने नारेबाजी की और आरोप लगाया कि मलिक और मदन मित्रा, तपस रॉय और सुजीत बोस जैसे तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की मौजूदगी क्षेत्र में शांति के लिए हानिकारक है. सूत्रों ने बताया कि पुलिस और त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) कर्मियों ने पहले प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन बाद में स्थिति हाथ से फिसलते देखकर लाठीचार्ज किया.

 

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