सिर्फ 25 फीसदी साइबर क्राइम ही हो पाते है साबित

साइबर क्राइम नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने इस बात को माना है कि साइबर क्राइम को अंजाम देने वालों को दंड देने की दर काफी काम है। साथ ही यह कहा कि वह ऐसे अपराधों की वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा को होने वाले आसन्न खतरों से निपटने के लिए कदम उठा रही है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा, “हम यह दावा नहीं कर सकते कि साइबर अपराध को रोकने के लिए हमारी वर्तमान व्यवस्था त्रुटिरहित है। हम लोग इस दिशा में काम कर रहे हैं।”

साइबर क्राइम से खतरा एक वास्तविकता

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि साइबर अपराध से खतरा एक वास्तविकता है। पुलिस को संवेदनशील बनाकर और अन्य कदम उठाकर इससे निपटने की जरूरत है। रिजिजू ने कहा कि साइबर अपराध का पूरा कैनवास ही जटिल है और ऐसा अक्सर होता है कि मामले भी दर्ज नहीं किए जाते।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदन के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय के पूरक प्रश्न के जवाब में रिजिजू ने कहा, “यह सच है कि साइबर अपराध से जुड़े जितने लोग गिरफ्तार किए गए हैं, उन्हें दोषी करार देने की दर कम है।”

उन्होंने कहा कि साइबर अपराध के खिलाफ कार्रवाई की रणनीतियों को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। बंद्योपाध्याय ने यह भी कहा कि साइबर अपराध करने वालों को दोषी ठहराने की दर बहुत कम है। वर्ष 2013 और 2014 में दोषी सिद्ध किए जाने वाले लोगों की दर बहुत कम रही है।

वर्ष 2015 में कुल 844 लोग गिरफ्तार किए गए और इनमें से केवल 224 को दोषी करार दिया गया। वह जानना चाहते थे कि सरकार इस पर कौन से बड़े कदम उठा रही है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने सत्ता में आने के छह-सात माह के अंदर ही साइबर अपराध से निपटने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित की है। उन्होंने कहा कि अब रिपोर्ट आ गई है। अब हम लोग साइबर अपराध की बुराई से लड़ने के लिए इस दिशा में काम कर रहे हैं। साइबर पेशेवरों को प्रशिक्षित करने और प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर पर्याप्त शोध सहित कई कदम उठाए जा रहे हैं।

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