साइबरबुलिंग पर अनन्या पांडे ने उठाया ये बड़ा कदम, कहा- फैमिली और पैरेंट्स पर पड़ता है असर

बॉलीवुड सेलिब्रिटीज को आए दिन साइबरबुलिंग का सामना करना पड़ता है. फिल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2 से अपने करियर को शुरू करने वाली अनन्या पांडे ने तो इसके खिलाफ सो पॉजिटिव नाम से एक ऑनलाइन कैंपेन चला रही हैं. अनन्या पांडे का कहना है कि ट्रोलिंग और इस तरह की हरकतें उन कम उम्र युवाओं के दिमाग पर असर छोड़ती है जो बदलाव की उम्र से गुजर रहे होते हैं.

anaya pandey

पिछले महीने अनन्या पर उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर सोशल मीडिया पर तब सवाल उठाया गया था जब उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने यूएससी एनेनबर्ग स्कूल फॉर कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म में दाखिला लिया है. इसके बाद उन्होंने इंस्टाग्राम पर कॉलेज दस्तावेजों की तस्वीरें पोस्ट की थीं.

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अनन्या ने कहा, ”यह सच है कि इस तरह के ट्रोल्स हमारे ध्यान के काबिल नहीं हैं लेकिन जब यह घटना मेरे साथ हुई, तो इसने न केवल मुझे बल्कि मेरी फैमिली और पैरेंट्स को भी प्रभावित किया था.”

”साइबरबुलिंग वास्तव में हम सबको प्रभावित करती है. मेरे इसके खिलाफ खड़े होने की वजह यह है कि लोगों को समझना चाहिए कि ये किस तरह से दूसरों को प्रभावित करती है.”

बातचीत के दौरान अनन्या ने कहा कि जब हम किशोर होते हैं तब दूसरे लोग हमारे बारे में क्या कहते हैं उसके आधार पर हम अपने बारे में एक धारणा विकसित कर लेते हैं. एक पूर्ण वयस्क दिमाग का विकास होना अभी हममें बाकी है, इस वजह से जब हमें हमेशा भला-बुरा कहा जाता है तो इससे हम डगमगा जाते हैं.

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“हमारा शरीर और दिमाग बदलावों के दौर से गुजरता है और यदि ऐसे में कोई शरीर को लेकर कुछ भद्दा कहता है तो इससे बुरा लगता है”

अनन्या का कहना है कि  क्रिएटिव आलोचना उन्हें खुद को सुधारने में मदद करती है और इस तरह के आलोचनाओं की वह सराहना करती हैं. अनन्या का ऐसा भी मानना है कि लोग दिल को दुखाने वाली बात ज्यादा करते हैं जो कि किसी तरह से आलोचना नहीं होती, भद्दी टिप्पणी होती है.

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