सांसद के बिगड़े बोल, मर्दों जितनी स्मार्ट नहीं महिलाएं, कम मिलनी चाहिए सैलरी

संसद सदस्यपोलैंड । बिगड़े बोल से कई बार शर्मशार होने की सि्थति पैदा हो जाती है। लेकिन जो आदतन इसके लिए मजबूर हो उसके लिए कोई भी कानून और नियम बेमानी हो जाते हैं। अपनी आधुनिकता, समानता और प्रोग्रेसिव विचार लिए प्रसिद्ध यूरोप के कुछ नेताओं के विचार आपको हैरान कर सकते हैं। यूं तो यूरोपीय देशों को महिलाओं के लिए नौकरी के बेहतर मौक़े और अवसर के लिए जाना जाता है, लेकिन वहां के कुछ रुढ़िवादी नेता बेहद शर्मिंदगी भरे बयान दे जाते हैं। ऐसा ही एक बयान दिया है यूरोपीय संसद में पोलैंड के सदस्य जानुस कोर्विन मिक्की ने। मिक्की ने यूरोपीय संसद में एक बयान में कहा कि, ‘ महिलाओं को निश्चित रुप से कम  सैलरी मिलनी चाहिए, क्योंकि वे मर्दों से कमजोर होती हैं, उनसे कद में छोटी होती हैं, और वे पुरुषों जैसी मेधावी भी नहीं होतीं। जानुस कोर्विन मिक्की ने अपने बयान में कहा कि, ये पिछली सदी का एक विचार है कि महिलाएं और पुरुष बौद्धिक रुप से एक दूसरे के बराबर होती हैं, ये विचारधारा ख़त्म होनी चाहिए क्योंकि ये सही नहीं है।

यूरोपीय संसद ने अब इस बात की जांच शुरू कर दी है कि क्या कोर्विन मिक्की ने ऐसा बयान देकर संसद के कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किया है। यूरोपीय संसद के प्रावधानों के मुताबिक संसद में बहस के दौरान अपमानजनक,  नस्ली,  रंग के आधार पर टिप्पणी करने पर रोक है। अगर कोर्विन इसके दोषी पाये जाते हैं तो उनपर आर्थिक दंड लगाया जा सकता है या फिर सदन की कार्यवाही से उन्हें कुछ दिन के लिए निलंबित भी किया जा सकता है। यूरोपीय संसद के सोशलिस्ट और डेमोक्रेट सदस्यों ने मांग कि है कि इस शर्मनाक बयान के लिए उनपर कार्रवाई की जाए।

मालूम हो कि जानुस कोर्विन मिक्की अपनी करतूतों की वजह से पहले भी सजा झेल चुके हैं। पिछले साल यूरोप में प्रवासियों के बेहिसाब आगमन पर की गई आपत्तिजनक तुलना के लिए उन्हें सदन से पांच दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था और उनका रोज़ाना भत्ता भी काट लिया गया था। अक्टूबर 2015 में जानुस कोर्विन मिक्की ने नाज़ी स्टाइल में सैल्युट किया था इस बजह से भी उन्हें 10 दिन के लिए सस्पेंड किया गया था।

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