क्या आप जानते हैं सहजन के फायदे, सर से पांव तक की हर समस्या होगी दूर

दक्षिण भारतीय व्‍यंजनों में विशेष रूप से इस्‍तेमाल होने वाला सहजन यानी ड्रमस्टिक अपने औषधीय गुणों के कारण खास माना जाता है. इसके कई लाभ होते हैं. इसे नार्थ में सहजन भी कहते हैं. आयुर्वेद में तो सहजन के पूरे पेड़ को ही औषधीय माना जाता है. अब इसकी पत्तियों से बनी चाय भी वजन कम करने में खास मानी जा रही है. आइए जानते हैं सहजन की चाय के सेहत लाभ.

सहजन के फायदे

क्‍या है सहजन

सहजन का पेड़ मूल रूप से भारतीय पेड़ है. सहजन को अंग्रेजी में (मोरिंगा) या कहते हैं. इसे उत्‍तर भारत में सर्वप्रथम उगाया और उसके बाद यह दक्षिण भारत सहित दुनिया भर में गया. अब इसे दुनिया भर में उगाया जाता है. इसे न तो ज्‍यादा देखभाल की जरूरत होती है और न ही ज्‍यादा पानी की. इस पर लंबी फलियां लटकती हैं.

सहजन की चाय में मौजूद पोषक तत्‍व

मल्टी विटामिन

सहजन की चाय के लिए सहजन की पत्तियों का इस्‍तेमाल किया जाता है. इसकी पत्तियों में प्रोटीन, विटामिन B6, विटामिन C, विटामिन A, विटामिन E, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, जिंक जैसे तत्व पाए जाते हैं. साथ ही इनमें कैल्शियम भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. सहजन में एंटीओक्सिडेंट, बायोएक्टिव प्लांट कंपाउंड होते हैं.

जम्मू-कश्मीर पर मेहरबान हुई मोदी सरकार, दिया 80 हजार करोड़ का तोहफा

कैल्शियम और आयरन

सहजन की सूखी पत्तियों के 100 ग्राम पाउडर में दूध से 17 गुना अधिक कैल्शियम और पालक से 25 गुना अधिक आयरन होता है. इसमें गाजर से 10 गुना अधिक बीटा-कैरोटीन होता है, जोकि आँखों, स्किन और रोगप्रतिरोधक तंत्र के लिए बहुत लाभदायक है. सहजन में केले से 3 गुना अधिक पोटैशियम और संतरे से 7 गुना अधिक विटामिन C होता है.

 ऐसे बनाएं सहजन की चाय

अगर आप सेहत के मामले में किसी पर भरोसा नहीं करना चाहते हैं तो इसे पाउडर को आप घर में भी बना सकते हैं. सहजन की ताजी पत्तियों को छाया में सुखा लीजिए. फि‍र इन सूखी पत्तियों को ग्राइंडर में पीस लें. तैयार है आपके लिए चाय का पाउडर. सहजन की चाय बनाने के लिए आपको एक चम्‍मच पाउडर को पानी में उबालना है और पीना है. आप चाहें तो रोज या फि‍र हर दूसरे दिन इस चाय को पी सकते हैं.

 

 

LIVE TV