सलमान विवाद के बाद बैकफुट पर आया भारतीय ओलंपिक संघ

indian-olympic-association_1461523920एजेंसी/ बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान को रियो ओलंपिक-2016 के लिए भारतीय दल का सद्भावना दूत चुने जाने का विरोध बढ़ता देख भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) बैकफुट पर आ गया है। आईओए का कहना है कि वह एथलीटों को प्रेरित करने के लिए संगीत, क्रिकेट और अन्य खेलों से भी आइकन का चयन करेगा।

आईओए महासचिव राजीव मेहता ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा, ‘हम सलमान की पेशकश के लिए शुक्रगुजार हैं और खुश हैं कि उन्होंने इस देश में ओलंपिक खेलों के सहयोग के लिए पेशकश की। यह जुड़ाव महज  एक संकेत है।

इसमें धन संबंधित कोई चीज नहीं है।’ आईओए महासचिव ने कहा, ‘उन्हें बोर्ड में लाने का हमारा मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़ना है, जिसकी वजह से ज्यादा से ज्यादा लोग इसे देखें। इससे अंतत: देश में ओलंपिक खेलों को लोकप्रिय बनाने में मदद मिलेगी।

हम अन्य जगह जैसे संगीत, क्रिकेट, कला संस्कृति और ओलंपिक खेलों आदि से भी और आइकन नियुक्त करेंगे।’ इससे पहले लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले स्टार पहलवान योगेश्वर दत्त के बाद ‘फ्लाइंग सिख’ के नाम से विख्यात भारत के महान एथलीट मिल्खा सिंह ने सलमान को इस काम के लिए चुने जाने का विरोध किया है।

मिल्खा ने आईओए के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि सलमान की जगह अगर किसी और को चुना जाता तो वह बेहतर होता। हालांकि उन्होंने यह साफ किया है कि वह सलमान खान को लेकर निजी तौर पर विरोध नहीं कर रहे हैं।

सलमान खान बॉलीवुड वर्ग की ओर से नियुक्त किए गए हैं। हम संगीत और क्रिकेट से भी दो बड़े नामों को शामिल करने के लिए बात कर रहे हैं। हम काफी आइकन रखने के इच्छुक हैं जिनमें अंजू बॉबी जॉर्ज और पीटी ऊषा भी शामिल हैं, जिनके अंदर देश में ओलंपिक खेलों को लोकप्रिय बनाने की क्षमता है।”- राजीव मेहता, महासचिव, आईओए

बकौल मिल्खा सिंह,‘आईओए ने गलत फैसला लिया है। देश को पदक चाहिए न की प्रायोजक। आईओए को अपने फैसले पर एक बार फिर सोचना चाहिए। भारत ने कई खिलाड़ी पैदा किए हैं जिन्होंने देश के लिए पसीना और खून बहाया है। जैसे पीटी ऊषा, राज्यवर्धन सिंह राठौर और अजित पाल सिंह के अलावा कई बड़े स्पोर्ट्स स्टार हैं।
इनमें से किसी को भी सद्भावना दूत बनाया जा सकता था।’ वर्ष 1958 और 1962 एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक  विजेता मिल्खा सिंह ने कहा, ‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं सलमान खान के खिलाफ नहीं हूं।  सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। ऐसा पहली बार है जब मैं देख रहा हूं कि ओलंपिक के लिए किसी बॉलीवुड अभिनेता को सद्भावना दूत बनाया गया है।’

”मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं सलमान खान के खिलाफ नहीं हूं। लेकिन आईओए का फैसला गलत है। और सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। ऐसा पहली बार है जब मैं देख रहा हूं कि ओलंपिक के लिए किसी बॉलीवुड अभिनेता को सद्भावना दूत बनाया गया है। मैं चाहता हूं कि सलमान खान के दूत बनाए जाने के फैसले को संशोधित किया जाना चाहिए।”
– मिल्खा सिंह, पूर्व एथलीट

मैं किसी खिलाड़ी को ही सद्भावना दूत देखना चाहूंगा हमारे पास मिल्खा सिंह, पीटी ऊषा, अभिनव बिंद्रा जैसे खिलाड़ी मौजूद हैं। इसमें कोई शक नहीं कि सलमान बॉलीवुड में सबसे अहम चेहरा हैं और जो भी वह कहते हैं वह बिकता है। लेकिन खेलों में मुझे लगता है कि किसी खिलाड़ी को ही दूत बनाया जाना चाहिए।– धनराज पिल्लै, पूर्व हॉकी कप्तान

हमारे देश में एथलीटों की कोई कमी नहीं है। पीटी ऊषा, सचिन तेंदुलकर और कई अन्य ने हमें गौरवान्वित किया है। लोग हालांकि फिल्मी सितारों को पसंद करते हैं। और शायद यही सोच रही होगी कि इससे ओलंपिक खेलों को लोकप्रिय बनाने में मदद मिलेगी। मैं उन्हें इस भूमिका के लिए शुभकामनाएं देती हूं।-कृष्णा पूनिया, एथलीट

सलमान खान को सद्भावना दूत बनने के लिए कोई फीस नहीं दी जा रही है। युवा उन्हें पसंद करते हैं और इससे खेल को ही लाभ होगा।– तरलोचन सिंह, उपाध्यक्ष, आईओए 
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