सुप्रीम कोर्ट का नीट अध्यादेश पर रोक से इनकार

सुप्रीम कोर्टनई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नीट) से संबंधित अध्यादेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई थी याचिका

अध्यादेश को  सुप्रीम कोर्ट में इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि इससे संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होता है।  सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उक्त आधार पर अध्यादेश की वैधता को चुनौती ग्रीष्मावकाश के बाद ही दी जा सकती है।

न्यायमूर्ति प्रफुल्ल सी. पंत और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अवकाश पीठ ने अध्यादेश पर कोई भी अंतरिम आदेश देने से इनकार करते हुए कहा कि फिलहाल इस संबंध में किसी भी अदालती आदेश से भ्रम की स्थिति पैदा होगी।

शीर्ष अदालत में अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका आनंद राय की ओर से दाखिल की गई थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि 24 मई को लाया गया अध्यादेश 28 अप्रैल के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को पलटने के लिए दिया गया था, जिसमें न्यायालय ने देशभर में मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए ‘एक राष्ट्र एक परीक्षा’ के आधार पर एक ही प्रवेश परीक्षा का आदेश दिया था।

इस याचिका का विरोध करते हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह अध्यादेश तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात तथा आंध्र प्रदेश को ध्यान में रखते हुए लाया गया है, जहां सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा पहले ही ली जा चुकी है और निजी चिकित्सा कॉलेजों में सरकारी कोटे की सीट भरी जा चुकी है।

सुप्रीम कोर्ट ने एमबीबीएस/बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट का आदेश देते हुए राज्य सरकारों तथा निजी चिकित्सा कॉलेजों द्वारा ली गई प्रवेश परीक्षा को रद्द कर दिया था।

न्यायालय ने मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट का आदेश 2013 के अपने आदेश को पलटते हुए दिया था, जिसमें समान प्रवेश परीक्षा को असंवैधानिक घोषित किया गया था।

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