सरकार ने मजदूरों के दोपहर के भोजन पर लगाई रोक!

भोजनलखनऊ। राजधानी में निर्माणाधीन बिल्डिंगों में काम करने वाले करीब 1000 मजदूरों को एक बार फिर भोजन के लिए सुबह-सुबह उठकर मशक्कत करनी पड़ेगी। जी हां, तत्कालीन सपा सरकार में मजदूरों के लिए दस रुपये में भरपेट मध्याह्न् भोजन की व्यवस्था फिलहाल 17 जुलाई से बंद हो गई है। यह योजना अप्रैल में खत्म हो रही थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने तीन माह का बजट देकर इसे चालू रखा था।

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भोजन पर लगाई रोक!

भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) ने यूपीबीओसी के साथ हुए समझौते को फिलहाल लखनऊ में खत्म कर दिया है। अब एक हजार से अधिक मजदूरों को मिलने वाला मध्याह्न् भोजन नहीं मिलेगा। उत्तर प्रदेश बिल्डिंग अदर कंस्ट्रेक्शन वर्कर वेलफेयर बोर्ड (यूपीबीओसी) मजदूरों को खाना पहुंचाती थी।

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एक टिफिन की कीमत 40.48 रुपये बैठती थी, लेकिन मजदूरों को चार रोटी, सब्जी, चावल, दाल सिर्फ दस रुपये में मिलता था। बाकी पैसा यूपीबीओसी देती थी। अब नई पालिसी के तहत आइआरसीटीसी को एक बार फिर से रेलवे सेवा की ओर ध्यान केंद्रित करना पड़ रहा है। अधिकारियों के मुताबिक नियमित रूप से एक हजार से अधिक टिफिन सप्लाई होते थे।

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