सरकार ने घरेलू खिलौना उद्योग को गुणवत्ता मानकों को लागू करने के लिए दी चार माह की मोहलत

सरकार ने घरेलू खिलौना उद्योग को गुणवत्ता मानकों को लागू करने के लिए और चार माह की मोहलत दी है। इसका मतलब है कि कोरोना वायरस महामारी से जुड़ी परिस्थितियों के बीच घरेलू खिलौना उद्योग को अब इन मानकों को अमल में लाने के लिए अगले साल जनवरी तक का समय मिल गया है। सरकार की ओर से बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना में कहा गया है कि खिलौना (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश 2020 के क्रियान्वयन की समयसीमा को इस साल एक सितंबर, 2020 से बढ़ाकर एक जनवरी 2021 कर दिया है। 

इस आदेश में कहा गया कि इस फैसले के अंतर्गत देश के खिलौना मैन्युफैक्चरर्स को कोविड-19 महामारी से पैदा हुई परेशानियों के मद्देनजर मानकों को लागू करने के लिए चार माह का अतिरिक्त समय दिया गया है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार मौजूदा वक्त में खिलौनों के घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने पर जोर दे रही है और उसने फरवरी में खिलौनों के इम्पोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी भी की थी। 

खिलौनों के गुणवत्ता नियंत्रण आदेश से सरकार की कोशिश बाजार में घटिया मानक वाले खिलौनों पर रोक लगाने की है। एक अध्ययन के मुताबिक करीब 67 फीसद खिलौने सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे। भारत में खिलौना से जुड़ी इंडस्ट्री मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र में है। इसमें लगभग 4,000 से अधिक छोटे और मझोले इंटरप्राइजेज शामिल हैं। देश में करीब 85 फीसद खिलौनों का आयात चीन से किया जाता है। इसके बाद श्रीलंका, मलेशिया, जर्मनी, हांगकांग और अमेरिका का स्थान आता है। हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में खिलौना उद्योग को प्रोत्साहित करने की बात कही थी।

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