सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी कही सुरक्षित नहीं हैं बेटियां, फिर एक और बालिका लापता…

REPORT-LOKESH TRIPATHI

अमेठी। सरकार लड़कियों के लिए कितने भी कानून क्यों न बना ले किंतु घर हो या बाहर स्कूल हो या पार्क  लड़कियां कहीं भी सुरक्षित नहीं दिख रही हैं जी हां हम बात कर रहे हैं अमेठी के बाजार कस्तूरबा विद्यालय की जहां से कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय से एक छात्रा लापता होने का प्रकरण सामने आया है जिसके संबंध में वार्डन शिक्षिका द्वारा पुलिस को लिखित तहरीर दी गई है।

अमेठी

बताते चलें कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्रा रंजीता पुत्री दद्दन निवासी मवैया रहमतगढ़ उम्र लगभग 14 वर्ष जो कि कक्षा छह की छात्रा है। यह छात्रा शनिवार की शाम 6:00 बजे संदिग्ध परिस्थितियों में विद्यालय से गायब है विद्यालय स्टाफ द्वारा उसे काफी खोजा गया और ना मिलने पर उसके घर जाकर पता किया गया और उसके परिजनों से पूछा गया।

वहां बालिका के ना मिलने पर परिजनों को विद्यालय लाया गया सारी बालिकाओं से पूछा गया बालिकाओं द्वारा बताया गया कि उसी के गांव के मोहित नाम का लड़का विद्यालय परिसर के आसपास दिखा था।

इसी आधार पर पुलिस को लिखित तहरीर दी गई। जैसे ही थानाध्यक्ष संतोष सिंह को मामले की जानकारी हुई उन्होंने उच्च अधिकारियों को अवगत कराते हुए विधि कानूनी कार्रवाई करते हुए खोजबीन शुरू किया।

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रविवार को मौके पर क्षेत्राधिकारी मुसाफिरखाना सूक्ष्म प्रकाश उप जिला अधिकारी महात्मा सिंह थाना अध्यक्ष संतोष सिंह तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी  विनोद कुमार मिश्र  ने  कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय पर पहुंचकर मामले की छानबीन और तहकीकात की।

फिलहाल अभी तक लड़की का कोई पता नहीं चल पाया है पुलिस विधि कानूनी कार्रवाई करते हुए छानबीन कर रही है। वहीं क्षेत्र वासियों का कहना है कि विद्यालय में लापरवाही से इस तरह की घटनाएं हुआ करती हैं।

इसी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में 2014 में फूड प्वाइजनिंग की वजह से 21 बच्चियां गंभीर रूप से बीमार हो गई थी। जिनमें 14 बच्चियों को जगदीशपुर के सरकारी अस्पताल में तथा 7 बच्चियों को शुकुल बाजार के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 2015 में इसी विद्यालय में सिलेंडर के फट जाने से आग लगने की घटना घटी थी। कुल मिलाकर क्षेत्रवासियों का कहना है कि कस्तूरबा गांधी विद्यालय में आए दिन लापरवाही की घटनाएं लगी रहती हैं।

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कुल मिलाकर अधिकारी कर्मचारी और स्टाफ की लापरवाही से आए दिन विद्यालय में कुछ ना कुछ घटनाएं घटा करती हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है जहां एक तरफ सरकार बच्चों की पढ़ाई और सुरक्षा को लेकर इतना सजग है और इतना ज्यादा धन खर्च कर रही है वहीं अधिकारियों कर्मचारियों की लापरवाही के चलते शासन की मंशा पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है।

 

 

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