बरसों पुराने ढर्रे पर रोक लगाने के लिए योगी का बड़ा कदम, टेंशन में सरकारी कर्मचारी   

सरकारी कर्मचारी टेंशनलखनऊ यूपी में सीएम की कुर्सी संभालने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ की नज़रें सरकारी कर्मचारियों पर टेढ़ी हो गयी थीं। उन्होंने सख्त निर्देश दिए थे कि समय की पाबंदी पर कोई भी ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए सीएम योगी ने सभी सरकारी कार्यालयों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य कर दी है। इस फैसले से ज्यादातर वे सरकारी कर्मचारी टेंशन में आ गाए जो अक्सर लेट-लतीफ दफ्तर पहुंचा करते थे।

सरकारी कर्मचारी टेंशन में

इस सिलसिले में उन्होंने सख्त निर्देश भी दिए थे कि सभी कर्मचारियों का वक्त पर कार्यालय पहुंचना अनिवार्य है। यदि इस मामले में हीलाहवाली की जाती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने यह निर्देश कल रात लखनऊ में ग्राम्य विकास विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान देते हुए कहा कि हर ग्राम पंचायत स्तर पर एक बोर्ड लगाया जाए, जिसमें महत्वपूर्ण सूचनाएं तथा ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव तथा रोजगार सेवक के मोबाइल नम्बर तथा कराये जा रहे कार्यों की सूची और योजनाओं का विवरण उपलब्ध रहे।

उन्होंने कहा कि विकास खण्ड स्तर तक कर्मियों की बॉयोमेट्रिक अटेन्डेंस सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने समग्र ग्राम विकास विभाग के ग्राम्य विकास विभाग में विलय किये जाने के निर्देश भी दिए।

उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना (मनरेगा), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन तथा ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम की समीक्षा की।

योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लक्ष्यों की पूर्ति की जाए। सभी लक्षित 5।73 लाख परिवारों का पंजीकरण, फोटो अपलोडिंग, आवासों की स्वीकृति का कार्य शीघ्रता से किया जाए। छूटे हुए ऐसे पात्र परिवार जिनका नाम वर्तमान सूची में नहीं है, उन्हें सम्मिलित करने के लिये केन्द्र सरकार से अनुरोध किया जाए।

उन्होंने मनरेगा से सम्बन्धित कार्यों में पारदर्शिता लाये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि क्रियाशील श्रमिकों को ‘आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम’ से जोड़ने की कार्रवाई की जाए।

जल निगम की कार्य प्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कार्य संस्कृति में सुधार लाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जल निगम की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए और कार्यों का सम्पादन समयबद्घ ढंग से किया जाए।

योगी ने कहा कि राज्य ग्रामीण पेयजल योजना के तहत प्रदेश के 31 जिलों में 160 पाइप पेयजल योजनाएं पूरी कर जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए। इण्डिया मार्क-2 हैण्डपम्पों की स्थापना में मानकों का पालन हो। विधायकों तथा विधान परिषद सदस्यों के कोटे के अवशेष नये एवं रिबोर हैण्डपम्पों का कार्य विधायकों की संस्तुति पर पूरा कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम और विश्व बैंक सहायतित ‘नीर निर्मल परियोजना’ के साथ-साथ राज्य ग्रामीण पेयजल योजना की भी जानकारी प्राप्त की।

उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड के साथ-साथ प्रदेश के अन्य हिस्सों में पाइप पेयजल योजनाओं को पूरा कराया जाए। बुन्देलखण्ड में पेयजल समस्या के समाधान के लिए हैण्डपम्पों की स्थापना, रिबोरिंग एवं पाइप पेयजल की योजनाओं के जीर्णोद्घार के कार्य भी पूरे कराये जाएं।

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