एक बच्चे की मां ने युवती संग रचाया समलैंगिक विवाह

हमीरपुर। बुंदेलखंड में आने वाले हमीरपुर जिले में शुक्रवार को दो युवतियों ने समलैंगिक विवाह रचा लिया है। हालांकि निबंधन कार्यालय ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समलैंगिक विवाह को सामाजिक मान्यता देने के आदेश से जुड़ा कोई शासनादेश न होने का हवाला देकर पंजीयन नहीं किया।

निबंधन कार्यालय के उपनिबंधक (सब रजिस्ट्रार) रामकिशोर पाल ने शनिवार को बताया, “राठ कोतवाली क्षेत्र के रहने वाली दो युवतियां शुक्रवार को उनके कार्यालय आईं और दोनों ने एक-दूसरे के गले में जयमाल डाल कर समलैंगिक शादी रचा ली। इनमें एक युवती की उम्र 26 साल और दूसरी युवती की उम्र 21 साल है, जो शादीशुदा और एक बच्चे की मां भी है।”

उन्होंने बताया, “समलैंगिक जोड़े ने शपथ-पत्र के जरिए प्रार्थन-पत्र देकर शादी को पंजीकृत करने और सामाजिक मान्यता देने की मांग की है। लेकिन समलैंगिक विवाह को सर्वोच्च न्यायालय के मान्यता देने संबंधी कोई शासनादेश अबतक न आने की वजह से न तो शादी पंजीकृत की जा सकी है और न ही उसे मान्यता ही दी गई है।”

इक्कीस साल की युवती के अधिवक्ता दयाशंकर तिवारी ने बताया, “उसकी मुवक्किल परिषदीय विद्यालय के एक शिक्षक की बेटी है और 26 साल की युवती एक मजदूर की बेटी है। दोनों शिक्षित हैं और दोनों ने अपनी मर्जी से समलैंगिक विवाह रचाया है।”

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उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी को संबोधित शपथ-पत्र के जरिए पंजीयन व सामाजिक मान्यता देने की मांग की गई है।

अधिवक्ता के अनुसार, उनकी मुवक्किल शादीशुदा और एक बच्चे की मां है। बच्चा एक युवक के घर पल रहा है।

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