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यूपी के अंतिम दो चरणों के तहत 27 सीटों पर होने वाले चुनाव में भाजपा और गठबंधन (सपा-बसपा) के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी। अगर बीते 2014 लोकसभा चुनाव के पैटर्न पर वोट पड़े और सपा-बसपा के वोट एक दूसरे को स्थानांतरित हुए तो भाजपा की परेशानी बढ़ेगी। इस अंकगणित के आधार पर 27 में से 16 सीटों पर जहां गठबंधन का संयुक्त वोट भाजपा से ज्यादा है।

सपा बसपा

वहीं, 11 सीटें ऐसी हैं, जहां वोट स्थानांतरित होने के बावजूद भाजपा को बढ़त हासिल है। 2014 में गठबंधन का संयुक्त वोट जिन 16 सीटों पर ज्यादा है, उनमें 8 पर वोटों का अंतर एक लाख से ज्यादा है। जबकि भाजपा की बढ़त वाली 6 सीटों पर वोटों का अंतर एक लाख से ज्यादा है।

पीस पार्टी-कौमी एकता दल का था असर : बीते चुनाव में पीस पार्टी और कौमी एकता दल ने तीन सीटों पर अलग-अलग असर डाला था। शिवपाल यादव प्रगतिशील सपा (लोहिया) से जुड़ी पीस पार्टी ने तब डुमरियागंज में करीब एक लाख वोट हासिल किए थे।

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बसपा से गठबंधन कर चुके कौमी एकता दल ने घोसी में 1,66,436 वोट तो बलिया में 1,63,943 वोट हासिल किए थे। सलेमपुर में भारतीय समाज सुहेलदेव पार्टी के ओमप्रकाश राजभर को 66084 वोट मिले थे।

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