सद्भावना ट्रस्ट की हाशिये पर खड़े समुदाय कि युवा महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की पहल

लखनऊ : सद्भावना ट्रस्ट , 2009 से लखनऊ शहर की बस्तियों में हाशिये पर खड़े समुदाय के साथ काम कर रही है। संस्था विशेषकर लड़कियों एवं युवा महिलाओं के साथ जेण्डर, पहचान व हिंसा के मुद्दे पर समझ बनाते हुये, तकनीकि कौशल का निमार्ण कर उनको सशक्तीकरण एवं आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही है।

उपरोक्त उद्देश्य को पूरा करने हेतु सद्भावना ट्रस्ट ने 10 अगस्त 2019 को डालीगंज क्षेत्र के समुदायिक केन्द्र में ‘नज़रिया लीडरशिप सेन्टर’  उद्घाटन के मौके पर खेल -खेल में युवा मेला, युवा महिलाओं द्वारा बनाई गई फोटो गैलरी और किशोरियों द्वारा प्रस्तुती का आयोजन किया गया।

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नज़रिया लीडरशिप सेन्टर

सद्भावना ट्रस्ट द्वारा इम्पॉवर संस्था के सहयोग से संचालित किया गया हैं। जिसका उद्देश्य हैं, युवा महिलाओं एवं लड़कियों का तकनीकि कौशल के माध्यम से नेतृत्व विकास करना है| जहां महिलाएं एवं लड़कियां आसानी से अपने रूचि अनुसार तकनीकि कौशल सीख पायें और वह स्वयं के लिए रोज़गार के मौके तैयार कर पायें।

कार्यक्रम उद्घाटन समारोह में लगभग 290 लड़कियाँ एवं युवा महिलाएं शामिल हुईं, और मुख्य अतिथि के रूप में फिल्म मेकर बुशरा शेख और अध्यापिका नेहा सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता अज़रा ख़ातून, हौक़ी खिलाड़ी अक़सा और क़ायमा, डालीगंज पूर्व पार्षद रंजीत सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता शाज़िया ख़ान व उमा श्रीवास्तव, डालीगंज आशा बहु सरोजनी व पूनम, सेन्टर संचालक समरीन रईनी, डालीगंज क्षेत्र की आंगनबाड़ी कामनी और सामाजिक कार्यकर्ता नीलम निषाद मौजूद रहीं। सभी अतिथियों ने सेन्टर पर संचालित होने वाले कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुये लड़कियों को लीडरशिप कार्यक्रम से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

संस्था द्वारा डालीगंज क्षेत्र में संचालित, ‘नज़रिया लीडरशिप सेन्टर’ में आरम्भ होने वाले लीडरशिप कोर्स के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही सद्भावना ट्रस्ट द्वारा चल रहे अन्य सेन्टरों से आई लड़कियों ने अपने अनुभव प्रस्तुत किये। जिसमें उन्होंने बताया कि लीडरशिप कोर्स में उन्होंने कई रूचिकर कौशल सीखा हैं जैसे- कम्प्यूटर का बेसिक कोर्स, इग्लिश स्पीकिंग कोर्स, डिजिटल संचार/ फोटोग्राफी, सम्प्रेषण क्षमता, सोशल मीडिया, इन्टरव्यू स्कील्स, करियर कॉन्सिलिंग/गाइडेंस, सी0वी0 लेखन, बैंक संबन्धित तकनीकि जानकरी, नौकरी बाज़ार के लिए एक्पोजर विज़िट, व्यक्तित्व विकास, इन्टन र्शिप प्रोग्राम, सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता और स्वास्थ्य एवं महिला हिंसा से जुड़े कानूनी मुद्दे पर जानकारी।

कार्यक्रम से जुड़कर लड़कियों की ज़िन्दगी में कई बदलाव आयें जैसे- लड़कियों ने अपनी ज़िन्दगी से जुड़े निर्णय, शादी के अतिरिक्त ज़िन्दगी के अन्य विकल्प और कम उम्र में शादी के बाद भी नए मौके तक पहुंच और अपने जीवन में बदलाव लाकर अपने परिवार को भरोसा दिलाया। साथ ही अपने हुनर की पहचान करते हुये बाहर जाकर नौकरी की जिससे परिवार को आर्थिक स्थिति में सहयोग मिला।

कार्यक्रम को रूचिकर बनाने के लिए फोटो प्रदर्शनी और युवती मेला का भी आयोजन किया गया, जिसमे कई रूचिकर खेल के माध्यम से लड़कियों के बीच चर्चा की गई। जिसका उद्देश्य था समाज में लिगं आधारित भेदभाव पर समझ बनाना। कार्यक्रम में आई महिलाओं एवं लड़कियों ने बड़े उत्साह के साथ खेल-खेले और लिगं आधारित भेद-भाव के मुद्दे पर अपनी समझ बनाई। मेले के दौरान निम्म खेल प्रस्तुत किया गया, जैसे- सुन्दरता का राज, वन मिनट, नाईन पिंस, मितवा, सांप सीढ़ी, किसने तय किया और सड़क छाप रोमियो।

आयोजित कार्यक्रम पूर्णरूप से सफल रहा।

कार्यक्रम के दौरान मुकारिम नगर से आई नेहा सिंह ने कहा कि यह नज़रिया सेन्टर हमारे लिए नया दरवाज़ा खोलेगा जहां ज़्यादा से ज़्यादा लड़किया तकनीकि कौशल का हुनर सीख पायेगीं।

ठाकुरगजं से आई बुशरा शेख ने कहा कि यह कार्यक्रम लड़कियों को उनकी पहचान देता है, और उनकी ज़िंदगी में नया विकल्प देता है, जिससे वह आगे बढ़ा सके।

सद्भावना ट्रस्ट से हमीदा खातून ने कहा कि यह एक अनोखी पहल है, इस कार्यक्रम से ज़्यादा से ज़्यादा लड़कियों को जुड़ना चाहिए, ताकि लड़कियाँ रोल मॉडल बनें और अन्य लड़कियों को प्रेरित करें|

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सामाजिक कार्यकर्ता अज़रा ख़ातून ने कहा कि लड़कियों को यह मौक़े खुद बनाने होंगे खुद साबित करना होगा कि हम भी किसी से कम नही हैं।

डालीगजं आशा बहु सरोजनी ने कहा कि यह मौका लड़कियों को एक बड़ी ताकत देगा जो साबित करेगा कि हम लड़कियां भी लड़कों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकते हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता नीलम निषाद ने कहा कि लड़कियां इस कार्यक्रम से निकलकर हुनरमंद बनती हैं, जो अपने माँ- बाप के साथ परिवार चलाने मे मदद करती हैं।

अध्यापिका क़ायमा ने कहा कि कार्यक्रम में खिलाए गए खेल के ज़रिये हम अपने साथ घर में होने वाली ग़ैर बराबरी को समझ पाए।

बरौलिया से आई प्रियंका ने कहा कि यह कार्यक्रम लड़कियों को ऊर्जा और आत्मविश्वास देने वाला कार्यक्रम है इससे लड़कियाँ सक्रिय रूप से आत्मनिर्भर बनेंगी।

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