पीएम मोदी के कोविंद वार पर वामपंथियों ने किया पलटवार, नहीं बची कोई गुंजाइश

सत्ताधारी पार्टीनई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर एकतरफा फैसला लेने का आरोप लगाते हुए वाम दलों ने सोमवार को कहा कि सत्ताधारी पार्टी के साथ चर्चा की कोई गुंजाइश नहीं बची है और इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों के बीच चर्चा होगी। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह तथा वेंकैया नायडू के साथ मुलाकात की ओर इशारा करते हुए मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने कहा कि कि उन्हें भाजपा से ‘एकतरफा’ फैसले की उम्मीद नहीं थी।

दोनों दलों ने कहा, “बैठक के दौरान (नायडू एवं राजनाथ के साथ) वे सर्वसम्मति चाहते थे, लेकिन नाम के साथ नहीं आए थे। उन्होंने कहा था कि वे बाद में नाम के साथ वापस आएंगे।”

माकपा महासचिव सीतराम येचुरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “अब उन्होंने एकतरफा फैसला लिया है, ऐसे में उनके साथ विचार-विमर्श की कोई गुंजाइश नहीं बचती।”

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद पर टिप्पणी से इनकार करते हुए येचुरी ने कहा कि विपक्षी पार्टियां 22 जून को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में अपनी रणनीति पर फैसला करेंगी।

यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्ष कोविंद के खिलाफ उम्मीदवार उतारेगा, येचुरी ने जवाब दिया, “नीलम संजीवा रेड्डी को छोड़कर राष्ट्रपति का निर्वाचन कभी भी बिना चुनाव के नहीं हुआ है।”

भाकपा नेता डी.राजा ने कहा कि भाजपा की घोषणा ‘गैर-पारदर्शी’ है।

उन्होंने कहा, “जब राजनाथ तथा नायडू ने राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर उम्मीदवार पर चर्चा के लिए हमसे बातचीत की थी, तो उन्होंने कहा था कि उनके दिमाग में फिलहाल कोई नाम नहीं है और वह हमारा सुझाव चाहते हैं।”

राजा ने कहा, “उन्होंने कहा था कि वे हमारे सुझाव पर विचार करेंगे, लेकिन अब उन्होंने गैर-पारदर्शी ढंग से एकतरफा उम्मीदवार का ऐलान कर दिया।”

उन्होंने कहा, “हम मुद्दे पर अपनी पार्टी में चर्चा करेंगे तथा अन्य विपक्षी पार्टियों से परामर्श लेंगे और जितना जल्द हो सकेगा संयुक्त फैसला लेंगे।”

LIVE TV