संस्कृत में लिखे जायेंगे उत्तराखंड के रेलवे स्टेशनों के नाम, रेलवे से मांगे गये नाम

रिपोर्ट:-संजय मणि त्रिपाठी/मुरादाबाद

देश के सबसे बड़े विभाग में शामिल रेलवे उत्तराखंड के रेलवे स्टेशनों के नाम संस्कृत में लिखने जा रहा है। इसके लिए सम्बंधित रेलवे स्टेशनों के संस्कृत नामों की जानकारी और उनकी स्पेलिंग स्थानीय जिला प्रशासन से मांगी गई है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक संस्कृत उत्तराखंड की दूसरी राजकीय भाषा है. लिहाजा हिंदी, अंग्रेजी के साथ क्षेत्रीय भाषा में नाम लिखाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद उत्तराखण्ड ने दूसरी राजकीय भाषा के तहत संस्कृत को मान्यता दी थी.

उत्तराखंड रेलवे

उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल में उत्तराखंड के बाइस रेलवे स्टेशन आते है जिन पर रेल संचालन की जिम्मेदारी डीआरएम कार्यालय मुरादाबाद की है. रेलवे अब उत्तराखंड के इन बाइस रेलवे स्टेशनों के नाम संस्कृत में भी लिखाने की तैयारी कर रहा है. इंडियन रेलवे वर्क मैनुअल के मुताबिक रेलवे स्टेशन के नाम हिंदी,अंग्रेजी के अलावा उस राज्य की राजकीय भाषा में होना चाहिए.

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उत्तर प्रदेश में दूसरी राजकीय भाषा उर्दू है लिहाजा उत्तराखण्ड अलग राज्य बनने के बाद भी स्टेशनों के नाम उर्दू में भी लिखे गए थे. संस्कृत में नाम लिखने के बाद उत्तराखण्ड राज्य के रेलवे स्टेशनों पर हिंदी और अंग्रेजी में भी नाम लिखें रहेंगे लेकिन उर्दू में लिखे नाम हटा दिए जाएंगे.

रेलवे ने डीएम देहरादून और हरिद्वार से जल्द से जल्द नाम उपलब्ध करने के लिए लिखा है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक नामों की सूची मिलते ही इस पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

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