संयुक्त राष्ट्र ने बोला उत्तर कोरिया पर ‘हमला’, अब तक किसी भी देश को नहीं मिली ऐसी सजा

संयुक्त राष्ट्रसंयुक्त राष्ट्र| संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तरी कोरिया को उसके द्वारा लगातार परमाणु परीक्षण पर दंडित करने के लिए अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे सीधे तौर पर उत्तर कोरिया को आर्थिक हानि होने वाली है।

संयुक्त राष्ट्र ने लगाए प्रतिबंध

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने सुरक्षा परिषद की बैठक में शनिवार को प्रस्ताव संख्या 2371 सर्वसम्मति से पारित करवाते हुए कहा कि यह किसी देश की किसी भी पीढ़ी के लिए सबसे कड़े प्रतिबंध हैं।

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इस प्रस्ताव पर शनिवार को मतदान हुआ था, जिसके तहत उत्तर कोरिया पर कोयला, लौह, कच्चा लोहा, सीसा, और सी फूड के निर्यात पर प्रतिबंध लगाता है। इसके साथ ही यह प्रस्ताव विदेशों में काम करने वाले उत्तर कोरिया के श्रमिकों को नौकरी देने पर रोक लगाता है।

यह प्रस्ताव उत्तर कोरिया के नए संयुक्त उद्यमों के साथ काम करने और वर्तमान संयुक्त उपक्रमों में नए निवेश पर प्रतिबंध लगाता है।

संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंधों को दी मंजूरी

उत्तरी कोरिया द्वारा 28 जुलाई को एक बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किए जाने के बाद इसके खिलाफ कार्रवाई की नवीनीकरण प्रक्रिया में तेजी आई। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मिसाइल प्रमुख अमेरिकी शहरों तक पहुंच सकती है।

निक्की ने स्वीकार किया कि प्रतिबंध प्रस्ताव पर वोट करने के लिए चीन ने महत्वपूर्ण योगदान दिया और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से प्रतिनिधिमंडल का धन्यवाद किया।

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इसकी प्रतिक्रिया में चीन के राजदूत लियु जिएई ने कहा कि यह प्रस्ताव दर्शाता है कि विश्व कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु मुक्त करने के अपने संकल्प को लेकर एकजुट है।

यह प्रतिबंध 2006 में परमाणु परीक्षण करने के बाद से उत्तर कोरिया पर लगाया गया संयुक्त राष्ट्र का सातवां प्रतिबंध है।

अमेरिका की संयुक्त राष्ट्र राजदूत ने मतदान के बाद ‘सीएनएन’ से कहा, “चीन का हमारे साथ खड़ा होना, जापान और (दक्षिण कोरिया) और बाकी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ, इससे उत्तर कोरिया के लिए यह साफ संदेश है कि उसे यह करना होगा। यह काफी प्रभावी है।”

निक्की के कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, इन प्रतिबंधों से उत्तर कोरिया को अपने वार्षिक निर्यात राजस्व 3 अरब डॉलर में से लगभग एक तिहाई से अधिक का नुकसान होगा।

निक्की ने प्रस्ताव पर सहमति जताने के लिए प्रशंसा करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने ‘सुर में सुर मिलाया है’।

‘सीएनएन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, हेली ने कहा, “यह तीखा असर करने वाला होगा, लेकिन यह उत्तर कोरिया को कड़ा संदेश देगा कि उसे अपने सभी आईसीबीएम और गैर-जिम्मेदार परमाणु गतिविधियों को रोकना होगा।”

संयुक्त राष्ट्र में शनिवार को इस प्रस्ताव के पक्ष में 15 वोट पड़े और प्रस्ताव संख्या 2371 सर्वसम्मति से पारित हो गया।

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