संजय दत्त सियासत की ओर!

SANआम्र्स एक्ट के तहत जेल की सजा काटने के बाद संजय दत्त एक बार फिर सुर्खियों में हैं। महाराष्ट्र दिवस के मौके पर भाजपा के कार्यक्रम में शामिल हुए संजय दत्त ने अपने सियासी मंसूबे साफ कर दिए हैं। महाराष्ट्र के डिंडौशी में भाजपा नेता मोहित कामभोज ने महाराष्ट्र दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसमें संजय दत्त बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए थे। संजय दत्त को कार्यक्रम में बतौर चीफ गेस्ट देख सभी की आंखें फटी सी रह गई।
इस कार्यक्रम में संजय दत्त ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा की सीटें बढनी चाहिए। संजय दत्त के इस बयान से उनकी बहन और कांग्रेस की पूर्व सांसद र्पिया दत्त के कैंप में खलबली मच गई है। वैसे भी संजय दत्त के लिए राजनीतिक मंच का यह अनुभव कोई नया नहीं है। १९९३ से संजय शिवसेना के कार्यक्रम में शामिल होते रहे हैं लेकिन टाडा के तहत गिरफ्तारी के बाद संजय दत्त शिवसेना से दूर हो गए। वर्ष २००९ में संजय दत्त ने अमर सिंह की सलाह पर समाजवादी पार्टी का दामन थामा, परंतु अमर सिंह को सपा से निकाले जाने के बाद संजय दत्त भी सपा से दूर हो गए। अब देखना यह होगा कि जो पार्टी संजय दत्त की पैरोल का सबसे अधिक विरोध करती नजर आती थी, अब उसके साथ संजय दत्त की ये नजदीकी क्या रंग दिखाती है। (हिफी)

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