श्री श्री ने फिर कहा-जुर्माना नहीं दूंगा, यमुना तट के पुनरोद्धार का समर्थन करूंगा

106175-sri-700एजेंसी/नई दिल्ली : यमुना तट पर विश्व सांस्कृतिक महोत्सव आयोजित करने को लेकर राष्ट्रीय न्यायिक अधिकरण (एनजीटी) की ओर से लगाए गए पांच करोड़ रुपए के जुर्माने के आदेश को धता बताते हुए ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने शनिवार को एक बार फिर कहा कि वह किसी जुर्माने का भुगतान नहीं करेंगे।

हालांकि, रविशंकर ने कहा कि वह महोत्सव के आयोजन स्थल के ‘विकास एवं जीर्णोद्धार’ का पूरे दिल से समर्थन करते हैं। दूसरे दिन महोत्सव में लोगों को संबोधित करते हुए रविशंकर ने कहा कि एनजीटी ने ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ को जिस रकम का भुगतान करने को कहा है, वह पुनरोद्धार के लिए है, न कि जुर्माना है।

रविशंकर ने कहा, ‘मैंने हमेशा से बेदाग जीवन बिताया है। मैं कभी स्कूल भी देर से नहीं गया। मैंने कभी जुर्माना नहीं चुकाया है, एक पैसा भी नहीं। लिहाजा, हमने कहा कि हम कोई जुर्माना नहीं चुकाएंगे। लेकिन मुझे बताया गया है कि यह जुर्माना या दंड नहीं है। अखबारों में गलत खबर दी गई है।’ 

उन्होंने कहा, ‘वे कहते हैं कि यह यहां के विकास के लिए है। हमने कहा कि यदि यह विकास और पुनरोद्धार के लिए है, तो हम पूरे दिल से इसका समर्थन करेंगे और इसमें पूरा जोर लगा देंगे।’ एनजीटी ने बुधवार को ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ फाउंडेशन को महोत्सव के आयोजन की अनुमति दी थी, लेकिन उसे पारिस्थितिकीय नुकसान की वजह से पर्यावरण मुआवजे के तौर पर पांच करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया था।

बहरहाल, एनजीटी ने शुक्रवार को ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ को राहत देते हुए कहा कि वह तत्काल 25 लाख रुपए का भुगतान करे और शेष राशि तीन हफ्ते के भीतर जमा करे। ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के एक प्रवक्ता ने शनिवार को कहा कि संस्था 25 लाख रुपए जमा करा चुकी है।

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