श्री इंफ्रा का फर्जीवाड़ा, कहीं आप भी तो नहीं फंसे हैं इनके झांसे में
लखनऊ: रिसार्ट जैसे सब्जबाग दिखाकर शहर के करीब 200 लोगों की मेहनत की गाढ़ी कमाई हड़प ली गई। श्री कॉलोनाइजर एंड डेवपर्स लिमिटेड ने एलडीए से नक्शा खारिज होने के बावजूद लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाया। इस कंपनी ने दोबारा एलडीए में संशोधित नक्शा ही पेश नहीं किया। वहीं अब श्री इंफ्रा ग्रुप ने लोगों को उनकी रकम लौटाने के लिए अपनी इलाहाबाद की एक संपत्ति बेचने का झांसा दिया है। कंपनी के प्रबंधन और बुकिंग कराने वाले लोगों के बीच शनिवार को एक बैठक हुई। जिसमें इलाहाबाद की एक संपत्ति को दूसरी कंपनी को बेचने और उसी से लोगों के रुपये वापस करने का आश्वासन दिया गया है।
श्री इंफ्रा ग्रुप ने बिना नक़्शे के बेंच डाली ज़मीन
श्री कोलोनाइजर एंड डेवपर्स लिमिटेड ने मोहनलालगंज के बनी में लोगों को निवेश करने के लिए खूब प्रलोभन दिया था। लोगों को अपनी साइट पर रिसार्ट जैसी सुविधाएं देने के साथ ही उनको निवेश पर बेहतर रिटर्न का भी भरोसा दिलाया गया। लोगों को प्लॉट के साथ ही कई एकड़ के फार्म हाउस खरीदने के लिए भी फर्जी दस्तावेज पेश किए गए।
लगभग 2700 वर्गफीट जमीन को 17 लाख रुपये में खरीदने पर दो साल बाद 26 लाख रुपये की वापसी का आश्वासन दिया गया। लोगों ने भरोसा किया और यहां अपनी बुकिंग राशि जमा कर दी। शहर के 200 लोगों का रुपया कंपनी ने हड़प लिया। इसके बाद उसने लोगों को चेक भी दिए लेकिन वह बाउंस होने लगे। कंपनी ने लोगों को झांसा देने के लिए 2013 में एलडीए में अपना नक्शा पास होने के लिए दिया था। उसी समय नक्शा खारिज हो गया था। जबकि कंपनी इधर झूठ बोलती रही कि एलडीए को नक्शा पास होने के लिए दिया है। जबकि नक्शा खारिज होने के बावजूद कंपनी ने दोबारा संशोधित नक्शा ही नहीं दिया है।
जिन लोगों ने अपना रुपया लगाया वह कई महीने से भटक रहे हैं। कंपनी के चेक लगातार बाउंस होने के बावजूद उसके संचालक पुलिस की पकड़ से दूर रहे। हर बार वह कारपोरेट ऑफिस गए तो वहां संचालकों ने मिलने से मना कर दिया। साइट पर भी कोई नहीं मिलता था।
जिन लोगों की कमाई को कंपनी ने हड़पा है उन्होंने शनिवार को निदेशक ऋषि अरोड़ा, उमेश आजाद और शरद केसरवानी के साथ चेयरमैन मनोज द्विवेदी से मुलाकात की। यहां लोगों को बताया गया कि जिन लोगों की बुकिंग की राशि तीन से चार लाख रुपये है उनको मंगलवार से आरटीजीएस से भुगतान शुरू हो जाएगा। इलाहाबाद में करीब 15 करोड़ रुपये की संपत्ति के कागजात भी दिखाए गए।
श्री इंफ्रा की तरह शहर में ऐसी दर्जनों रियल इस्टेट कंपनियां हैं जिन्होंने झूठे सपने दिखाकर सैकड़ों लोगों की मेहनत की कमाई को हड़प लिया है। अभिनेत्री मंदिरा बेदी से जिस प्रोजेक्ट की लांचिंग रायबरेली रोड पर कराई गई, उस कंपनी के खिलाफ 80 एफआइआर दर्ज हुईं। एसएसपी मंजिल सैनी से शिकायत पर भी एफआइआर तो हुई, लेकिन कंपनी के मालिक अब भी पुलिस की पहुंच से दूर हैं। व्यापारी नेता बनवारी लाल कंछल के बेटे के कानपुर रोड स्थित प्रोजेक्ट को लेकर भी शिकायतें दर्ज हुईं हैं। रायबरेली रोड के डीएलएफ गार्डेन में वीओपी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और बायावीवर लिमिटेड ने फ्लैट दिलाने का वादा दिया था। जिस जगह प्रोजेक्ट को लांच किया गया था वह आवास विकास परिषद से स्वीकृत ही नहीं थी। अभिनेत्री मंदिरा बेदी को बुलाकर प्रोजेक्ट की लांचिंग की गई। लोगों से 15 लाख रुपये का निवेश करने पर दो साल बाद 25 लाख रुपये वापस करने का झांसा दिया गया। लोगों को अमेरिका की यात्र का प्रलोभन भी दिया गया। पासपोर्ट की छायाप्रति मंगवायी गई, लेकिन यात्र न हो सकी। इस प्रोजेक्ट पर करीब 250 करोड़ रुपये ले लिए गए।
अब मानचित्र स्वीकृत नहीं था तो प्रोजेक्ट भी शुरू नहीं हो सका। वर्ष 2013 से अब तक अलग अलग शहरों में 80 एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं। वही व्यापारी नेता बनवारी लाल कंछल के बेटे अमित कंछल ने भी वर्ष 2014 में कानपुर रोड और देवा रोड पर प्लाट विकसित करने का झांसा देकर कई लोगों की रकम हड़प ली। इनके खिलाफ हजरतगंज थाने में लोगों ने अपने मामले दर्ज कराए हैं। 1खेत में दिखा रहे विकास के सपने1सुलतानपुर रोड, रायबरेली रोड , देवारोड पर पिछले चार साल के दौरान खेतों में ही सुख सुविधाओं के सपने दिखाकर बुकिंग करवा दी गई। प्लाट तो दूर अब तक खेती वाली जमीन को यह कंपनियां अपने कब्जे में ही नहीं ले सकी हैं। भू परिवर्तन इन जमीनों का हुआ ही नहीं है।