श्रीलंका धमाके में आईएस ने जारी की दो हमलावरों की तस्वीर…

नई दिल्ली : श्रीलंका में हुए धमाकों के बाद पुलिस ने 106 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। जिसमें एक तमिल माध्यम का अध्यापक और एक स्कूल का प्रधानाचार्य भी शामिल है। इन सभी को बीते रविवार को ईस्टर के मौक पर हुए आत्मघाती हमलों के सिलसिले में गिरफ्तार किया है।

 

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बता दें की इस्लामिक स्टेट ने दावा किया है कि जिन तीन आतंकियों ने खुद को पुलिस की छापेमारी के दौरान उड़ा लिया था वह उसके सदस्य थे। इस घटना में 15 लोगों की मौत हो गई थी।

 

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जहां तीन चर्च और तीन लग्जरी होटलों पर आत्मघाती हमले में 253 लोगों की मौत हो गई थी। जिसमें 11 भारतीय भी शामिल हैं। वहीं 500 से ज्यादा लोग हमलों में घायल हो गए थे।

वहीं पुलिस और सुरक्षाबल लगातार नेशनल तौहीद जमात संगठन के सदस्यों को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इस स्थानीय आतंकी संगठन का हमलों के पीछे हाथ था।

लेकिन इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए एक वीडियो जारी किया था। जिसमें हमलों का कथित मास्टरमाइंड जहरान हाशिम सात अन्य लोगों के साथ अबु बकर अल-बगदादी के नाम की प्रतिज्ञा लेते हुए दिखाई दे रहा था। आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) सभी 106 संदिग्धों से पूछताछ कर रही है।

दरअसल कोलंबो पेज रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने जिन 106 संदिग्धों को हिरासत में लिया है उनमें 40 साल का तमिल माध्यम का अध्यापक शामिल है। जिसके पास से 50 सिम कार्ड और संदिग्ध सामान बरामद हुआ है।

 

जहां उसे नौसेना और कलपिटिया पुलिस के संयुक्त अभियान में पकड़ा गया है। सेना और पुलिस के संयुक्त अभियान में 10 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। एक संदिग्ध विद्यालय का प्रधानाचार्य है। संदिग्धों में एक डॉक्टर भी शामिल है जिसने प्रशिक्षक के तौर पर काम किया है।

 

आईएस ने अपने मुखपत्र अल-अमाक न्यूज में दावा किया है कि हमले में मारे गए लोग पुलिस अधिकारी थे। उसने दो आतंकियों की तस्वीर जारी की है। उसने दावा किया है कि यह दोनों आत्मघाती हमलों में शामिल थे। हालांकि सरकार हमलों के पीछे नेशनल तौहीद जमात को जिम्मेदार मान रही है।

 

दरअसल बट्टीकलोआ में पुलिस को छापेमारी के दौरान इस्लामिक स्टेट के झंडे, सैन्य वर्दी, आत्मघाती जैकेट, 150 जिलेटिन की छड़ें, हजारों स्टील पैलेट और ड्रोन कैमरे मिले हैं। सुरक्षा परिषद् की शुक्रवार शाम को हुई बैठक में अधिकारियों ने फैसला लिया है कि सर्च अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक खतरा टल नहीं जाता है।

 

 

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