दंगों के डर से ‘शोरगुल’ पर मुजफ्फरनगर में बैन

शोरगुल नई दिल्ली। बॉलीवुड की अपकमिंग फिल्म शोरगुल पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहर मुजफ्फरनगर में बैन लगा दिया गया है। दरअसल फिल्म में 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों को भी उठाया गया है। इसके अलावा गोधरा, बाबरी मस्जिद दंगों जैसे गंभीर मुद्दों को भी उठाया गया है। ‘शोरगुल’ 24 जून को रिलीज होगी।

शोरगुल पर लगा बैन

इस मामले पर फिल्म के डायरेक्टरों ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म में एक संवेदनशील मुद्दे को उठाया गया है। इस मुद्दे की वजह से मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी ने शहर के सभी सिनेमाघरों में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। उनका मानना है अगर फिल्म रिलीज़ हुई तो यहां पर सांप्रदायिक हिंसा भड़कने की नौबत आ जाएगी।

फिल्म के डायरेक्टरों में शामिल व्यास वर्मा ने कहा कि ‘शोरगुल’ किसी विशिष्ट घटना पर आधारित नहीं है, बल्कि यह समाज में जो हो रहा है, उसका प्रतिबिंब है। यह फिल्म सिर्फ उत्तर प्रदेश में हुई घटनाओं को दर्शाती है। हालांकि फिल्म का विषय देश की चिंता को दर्शाता है।

उन्होंने आगे कहा कि वह प्रशासन से पूछना चाहते हैं कि मुज्ज़फ्नगर में ही सिर्फ क्यों फिल्म पर रोक लगाई जा रही है। उत्तर प्रदेश में भी लोगों को जानने की ज़रुरत है कि समाज में क्या हो रहा है। इस फिल्म में आम आदमी की आवाज़ उठाई गई है जो हर एक नागरिक को देखने का हक़ है।

शोरगुल फिल्म के सह निर्माता अमन सिंह ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि टीम की इच्छा किसी भी राजनैतिक दल को बदनाम करने की नहीं है। वह चाहते हैं कि लोग फिल्म देखकर ऐसे सवालों के साथ घर लौटें जिसके जवाब एक अधिक तार्किक भारत की तरफ ले जाते हों।

इस फिल्म के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद के एक नेता मिलन सोम ने फिल्म के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जनहिट याचिका दायर की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया था।

वहीं मुज़फ्फरनगर सिनेमा एसोशियन कह रहा है कि उन्हें नुकसान का डर है इसलिए सभी सिनेमा मालिकों ने प्रशासन को फिल्म का प्रदर्शन ना करने पर सहमति जता दी है।

 

 

 

 

 

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