बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों में रही गिरावट

मुंबई। बीते सप्ताह नकारात्मक वैश्विक संकेतों के कारण घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने और अमेरिकी सरकार के संभावित शटडाउन के कारण दुनियाभर के बाजारों में बिकवाली देखी गई। हालांकि कच्चे तेल की कीमतों में तेज गिरावट ने तेजी से गिरते शेयर बाजारों को थामने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

शेयर बाजारों

साप्ताहिक आधार पर, सेंसेक्स 220.86 अंकों या 0.61 फीसदी की गिरावट के साथ 35,742.07 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 51.45 अंकों या 0.48 फीसदी की गिरावट के साथ 10,754 पर बंद हुआ। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 60.16 अंकों या 0.40 फीसदी की तेजी आई और यह 15,253 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 131.86 अंकों या 0.91 फीसदी की तेजी के साथ 14,633.62 पर बंद हुआ।

सोमवार को शेयर बाजार की सकारात्मक शुरुआत हुई और सेंसेक्स 307.14 अंकों या 0.85 फीसदी की तेजी के साथ 36,270.07 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 82.90 अंकों या 0.77 फीसदी की तेजी के साथ 10,888.35 पर बंद हुआ। मंगलवार को सेंसेक्स 77.01 अंकों या 0.21 फीसदी की तेजी के साथ 36,347.08 पर बंद हुआ और निफ्टी 20.35 अंकों या 0.19 फीसदी की तेजी के साथ 10,908.70 पर बंद हुआ।

बुधवार को भी शेयर बाजार में तेजी रही और सेंसेक्स 137.25 अंकों या 0.38 फीसदी की तेजी के साथ 36,484.33 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 58.60 अंकों या 0.54 फीसदी की तेजी के साथ 10,967.30 पर बंद हुआ।

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गुरुवार को अमेरिकी फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण भारतीय शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई और सेंसेक्स 52.66 अंकों या 0.14 फीसदी की गिरावट के साथ 36,431.67 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 15.60 अंकों या 0.14 फीसदी की गिरावट के साथ 10,951.70 पर बंद हुआ।

शुक्रवार को शेयर बाजार में जोरदार बिकवाली के कारण भारी गिरावट दर्ज की गई और सेंसेक्स 689.60 अंकों या 1.89 फीसदी की गिरावट के साथ 35,742.07 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 197.70 अंकों या 1.81 फीसदी की गिरावट के साथ 10,754 पर बंद हुआ।

बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे -टाटा मोटर्स (5.39 फीसदी), एनटीपीसी (4.91 फीसदी), टाटा मोटर्स (4.86 फीसदी), एशियन पेंट्स (3.56 फीसदी) और महिंद्रा एंड महिंद्रा (3.25 फीसदी)।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे -इंफोसिस (8.48 फीसदी), टीसीएस (4.62 फीसदी), विप्रो (4.10 फीसदी), भारती एयरटेल (3.54 फीसदी) और हिन्दुस्तान यूनीलीवर (2.87 फीसदी)।

अमेरिकी शेयरों में गिरावट

आर्थिक मोर्चे पर, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को संघीय कोष के लिए ब्याज दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया, जिसके बाद यह 2.25 फीसदी से बढ़कर 2.5 फीसदी हो गया। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इस साल लगातार चौथी बार नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की है। साथ ही अगले साल भले ही धीमी रफ्तार से, लेकिन और बढ़ोत्तरी के संकेत दिए हैं।

फेडरल रिजर्व के प्रमुख जिरोम पॉवेल ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव को नजरअंदाज करते हुए ब्याज दरों में इजाफा किया और कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मौजूदा समय में अच्छे आर्थिक आंकड़ों के साथ मजबूत हो रही है और इसलिए वह उस हद तक ब्याज दरों में इजाफा कर सकते जहां तक विकास दर को नुकसान न पहुंचे।

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गौरतलब है कि अमेरिका द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने के कारण भारत जैसे उभरते बाजारों में अपनी पूंजी लगाने वाले वैश्विक निवेशक, बेहतर रिटर्न की आशा में इन बाजारों से पूंजी निकाल कर अमेरिकी बाजारों में लगाने लगते हैं, जिससे घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की जा रही है।

 

 

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