शुरू हुई पूर्वाचल की लड़ाई, जानें किस नेताओं की चमक सकती है किस्मत…

प्रदेश में पश्चिमी यूपी से शुरू हुई लोकसभा चुनाव की जंग अब पूर्वांचल में पहुंच गई है। छठे और सातवें चरण की 27 सीटों में अधिकतर पूर्वी यूपी में हैं। सभी दलों ने अपने नेताओं को इन सीटों पर प्रचार के लिए भेजा है। इसके चलते पूर्वांचल में इन दिनों पश्चिमी यूपी, बुंदेलखंड व अवध के नेताओं की बाढ़ सी आ गई है। किसी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी संसदीय सीट पर भेजा गया है तो कोई अखिलेश यादव के चुनाव क्षेत्र आजमगढ़ के ग्रामीण इलाकों की खाक छान रहा है। यूपी ही नहीं, दूसरे प्रदेशों के नेताओं ने भी पूर्वांचल में डेरा डाल दिया है।

पूर्वाचल की लड़ाई

पूर्वांचल में वाराणसी से पीएम नरेंद्र, आजमगढ़ से अखिलेश यादव, चंदौली से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, गाजीपुर से केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा समेत कई प्रमुख नेताओं का चुनाव आखिरी चरणों में है। सीएम योगी आदित्यनाथ व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का क्षेत्र होने के नाते गोरखपुर व फूलपुर लोकसभा सीटें भाजपा के लिए खास हैं। योगी व मौर्य के इस्तीफों से रिक्त हुईं गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर उपचुनाव में सपा ने भाजपा से दोनों सीटें छीन ली थीं। पूर्वांचल को जातीय समीकरणों के लिहाज से भी अहम माना जाता है, इसलिए भी क्षेत्रीय जरूरतों के मुताबिक भाजपा और सपा-बसपा गठबंधन ही नहीं, कांग्रेस ने भी अपने नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी है।

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जिलों में कैंप कर रहे मंत्री : पश्चिमी यूपी के चुनाव के बाद खाली हुए प्रदेश सरकार के मंत्रियों, विधायकों व चुनाव लड़ चुके सांसदों, प्रत्याशियों व प्रमुख नेताओं को छठे और सातवें चरण में मतदान वाले जिलों में लगाया गया है। प्रमुख मंत्रियों को एक-एक जिले की कमान सौंपी गई है। आजमगढ़ की संवेदनशीलता को देखते हुए भाजपा ने हिंदूवादी छवि के पश्चिमी यूपी के एक फायरब्रांड मंत्री को चुनाव प्रचार बंद होने तक वाराणसी में रहने के लिए कहा है।

वाराणसी व आजमगढ़ में बुक हुए होटल, रिसॉर्ट
सबसे ज्यादा नेताओं की आवक वाराणसी व आजमगढ़ में है। आजमगढ़ में सपा-बसपा गठबंधन के कई युवा नेता आजमगढ़ में डटे हुए हैं। बुधवार की रैली के बाद और भी नेता वहीं रुक गए हैं। वाराणसी में तो प्रदेश ही नहीं, देशभर के नेता प्रचार के लिए पहुंच रहे हैं। वाराणसी को लघु भारत कहा जाता है। यहां देश के अधिकतर राज्यों के लोग रहते हैं। दोनों जिलों में अधिकतर होटल व रिसॉर्ट बुक हो चुके हैं। आजमगढ़ में 12 तो वाराणसी में आखिरी चरण में 19 मई को वोट पड़ेंगे।

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मोदी काशी में कर सकते हैं प्रवास
पूर्वांचल के समीकरणों को साधने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक-दो दिन वाराणसी में प्रवास भी कर सकते हैं। विधानसभा चुनाव में भी मोदी ने इसी तरह काशी में रुककर माहौल बनाया था। उनके प्रवास का असर समूचे पूर्वांचल पर पड़ने का अनुमान है।

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