शीघ्र बाजार में आने वाली हैं कोरोना वायरस की सस्‍ती दवाएं, पढ़े पूरी खबर

कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए कुल नौ कंपनियों ने टेबलेट बाजार में उतार दिया है। हालांकि इसमें से सिर्फ दो कंपनियों के टेबलेट ही गोरखपुर आ पाए हैं। अन्य कंपनियों के लिए आर्डर भेजे गए हैं। 27 से लेकर 68 रुपये के बीच में ये सभी दवाएं हैं। सभी के साल्ट एक ही हैं, कंपनी अलग होने से इनके ब्रांड नाम व कीमत अलग-अलग है। अभी गोरखपुर में एमएसएन का फेविलो व ग्लेनमार्क का फेबिफ्लू टेबलेट बाजार में आया है, इसकी कीमत क्रमश: 33 व 65 रुपये है। अधिकतम 10 दिन में सभी कंपनियों की दवाएं बाजार में उपलब्ध हो जाएंगी।

सात अन्य कंपनियों को भी भेजे गए आर्डर

कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के साथ ही इसके इलाज के इंतजाम भी तेजी से किए जा रहे हैं। अभी तक केवल दो दवाओं के भरोसे अपना इलाज करा रहे हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। सात अन्य कंपनियों की दवाएं भी बाजार में आने वाली हैं। इनके आर्डर भेज दिए गए हैं। इनमें सबसे सस्ती दवा ली- फार्मा का फाराविर मात्र 27 रुपये की है।

ये दवाएं उपलब्ध हैं

दवा- प्रति टेबलेट कीमत रुपये में

फेविलो- 33

फेबिफ्लू- 65

आने वाली दवाएं

दवा- प्रति टेबलेट कीमत रुपये में

फाराविर- 27

फेविवेंट- 39

फ्लूगार्ड- 35

कोविहाल्ट- 49

फेविविर- 59

फेव‍िटन- 59

सिप्लेंजा- 68

फेविलो व फेबिफ्लू को छोड़कर कोई दवा पूरे उत्तर प्रदेश में अभी नहीं आई है। आर्डर भेजे गए हैं। कंपनियों ने आश्वासन दिया है। अधिकतम 10 दिन में ये दवाएं भालोटिया मार्केट में उपलब्ध हो जाएंगी। – आलोक चौरसिया, महामंत्री, दवा विक्रेता समिति।

माह के अंत तक दो दर्जन अस्पतालों में एल-टू के एक हजार बेड

कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच एक अच्छी खबर है। इस माह के अंत तक शहरी क्षेत्र के अस्पतालों में एल-1 और एल-2 श्रेणी के एक हजार बेड हो जाएंगे। इसमें सबसे बड़ा सेंटर मेडिकल कालेज का बाल चिकित्सा संस्थान होगा। यहां सीएम के निर्देश पर 300 बेड का कोविड वार्ड बनाया जा रहा है। यहां पर एल-2 और एल-3 श्रेणी की चिकित्सकीय सेवाएं मिलेंगी। जिला प्रशासन के मुताबिक 29 अगस्त तक वार्ड पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। जिला प्रशासन ने शहर के 15 बड़े निजी अस्पतालों को अपने यहां कम से कम 30-30 बेड का कोविड वार्ड बनाने के लिए निर्देशित किया है। माह के अंत तक शहर में एल-2 और एल-3 श्रेणी के करीब एक हजार बेड हो जाएंगे। स्पोटर्स कालेज में चल रहे कोविड एल-1 हास्पिटल के एक हिस्से को अपग्रेड कर एल-टू में बदल दिया गया है। इसमें यहां 50 बेड का एल-टू सेंटर बनाया गया है। इसके साथ ही टीबी हास्पिटल और रेलवे अस्पताल में भी एल-2 श्रेणी की सेवाएं शुरू हो चुकी हैं।

हर कोविड सेंटर में होगी मजिस्ट्रेट की तैनाती

कोविड वार्डों में मरीजों की अच्छी तरह देखभाल हो सके तथा उन्हें कोई असुविधा न हो इसके लिए हर कोविड सेंटर पर एक मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी गई है। डीएम के. विजयेन्द्र पांडियन ने बताया कि जहां भी कोविड वार्ड बनाया जा रहा है वहां मजिस्ट्रेट की तैनाती की जा रही है। अगर कहीं कोई असुविधा होगी तो मजिस्ट्रेट उसे दूर कराएंगे। जरूरत के अनुसार स्टाफ और अन्य संसाधन जल्द से जल्द जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर तत्काल इसकी सूचना दें ताकि जल्द से जल्द सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके।

यहां हो चुकी है मजिस्ट्रेट की तैनाती

टीबी अस्पताल में नगर मजिस्ट्रेट, ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय में अपर नगर मजिस्ट्रेट-प्रथम और वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कालेज में तहसीलदार की तैनाती की गई है। अब इलाज में लापरवाही मिलने की शिकायत मिलने पर संबंधित जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डीएम के. विजयेंद्र पांडियन ने कहा कि इस माह के अंत तक एल-2 और एल-3 ग्रेड के एक हजार बेड किए जाने का लक्ष्य है। इसमें बाल चिकित्सा संस्थान का 300 बेड भी शामिल है। कुछ निजी अस्पताल के संचालकों को भी कोविड वार्ड शुरू करने के लिए निर्देशित किया गया है। 

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