शनि शिंगणापुर के बाद अब बाबा बालकनाथ मंदिर में महिलाओं ने किया प्रवेश

शनि शिंगणापुर
Photo Courtesy- Google

हमीरपुर। शनि शिंगणापुर मंदिर के बाद अब उत्तर भारत के प्रसिद्ध बाबा बालकनाथ मंदिर में गुफा तक महिलाओं के न जाने की वर्षो पुरानी परंपरा शनिवार को टूट गई। मंदिर में बाबा की गुफा तक पहली बार अपनी बेटियों संग महिला ने प्रवेश कर सभी को सकते में डाल दिया। हालांकि, महिलाओं के गुफा तक जाने के लिए न तो स्थानीय प्रशासन और न ही मंदिर प्रशासन की तरफ से कोई रोक-टोक है।

शनि शिंगणापुर के बाद बाबा बालकनाथ 

पुरानी परंपरा के अनुसार महिलाएं गुफा में प्रवेश नहीं करती थीं। इसी के चलते प्रशासन ने गुफा के सामने महिलाओं के लिए माथा टेकने को चौबारा बना रखा है। शनिवार को इस चौबारे से माथा न टेक कर एक महिला अपनी दो पुत्रियों के साथ गुफा तक पहुंच गई। महिला हमीरपुर जिला के ही भोटा की निवासी शिक्षिका अंजू बाला है। जब वह गुफा की ओर बढ़ीं तो पहले उसे वहां तैनात महिला गृह रक्षक ने रोकने की कोशिश की। अंजू ने रोकने वाली की तरफ ध्यान नहीं दिया और आगे बढ़ गई। इसके बाद कुछ पुजारियों ने पुरानी परंपरा की ओर उनका ध्यान दिलाया, लेकिन अंजू बेबाकी के साथ बेटियों सहित गुफा में जा पहुंचीं और माथा टेक कर वापस लौट गई। बाबा बालकनाथ ब्रह्मचारी थे। शायद यही वजह है कि महिलाएं स्वयं गुफा में प्रवेश नहीं करती थीं और धीरे धीरे यही परंपरा बन गई।

बाबा बालकनाथ ने इससे पहले हमीरपुर के ही झनियारी नामक स्थान पर तप किया। इसके बाद वे शाहतलाई आए और ब्रह़्मचर्य जीवन यापन करते वे दियोट नामक राक्षस की गुफा में तप करने जा बैठे। इसी बात को लेकर दोनों में युद्ध हुआ और बाबा बालकनाथ विजयी हुए। इसके बाद समझौता यह हुआ कि इस स्थान का नाम दियोटसिद्ध पड़ेगा। ऐसा माना जाता है कि बाबा बालकनाथ के ब्रह्मचर्य सिद्ध होने के चलते स्वयं ही पुराने वक्त में महिलाओं ने गुफा तक न जाने की परंपरा बना दी।

LIVE TV