व्यापार सिद्धांतों को लेकर जी-20 सम्मेलन में हुई घोषणा

ओसाका। यहां जी-20 का दो-दिवसीय सम्मेलन वैश्विक व्यापारिक तनावों के बावजूद मुक्त व्यापार और आर्थिक वृद्धि के सिद्धांतों के लिए सहयोग की घोषणा के साथ शनिवार को संपन्न हो गया। समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, सम्मेलन के समापन के बाद जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जी-20 के नेता आर्थिक वृद्धि की जरूरत पर राजी हुए और उन्होंने वैश्वीकरण तथा विश्व व्यापार तंत्र पर चिंता व्यक्त की है।.

आबे ने कहा कि 20 सदस्यीय समूह ने मुक्त व्यापार तंत्र का समर्थन करने वाले मूलभूत सिद्धांतों के लिए अपना समर्थन दोहराया और खुले, मुक्त और भेदभाव रहित बाजारों को पाने पर विशेष बल दिया।

जापान के प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बार में इतनी ज्यादा वैश्विक चुनौतियों का एक समाधान निकालना मुश्किल होने के बावजूद समूह कई क्षेत्रों में समान इच्छा दिखाने में सफल रहा।

आबे के अनुसार, नेताओं ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के स्पष्ट नकारात्मक जोखिमों को भी स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि सदस्य देश वैश्विक वृद्धि को तेजी देने पर राजी हुए और उन्होंने विश्व व्यापार संगठन में सुधार की जरूरत पर बल दिया।

नेताओं द्वारा हस्ताक्षरित अंतिम बयान में भूराजनीतिक और व्यापारिक तनावों में तेजी बताई गई है, लेकिन इसमें अमेरिका, चीन और अन्य देशों के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के संदर्भ में बढ़ते संरक्षणवाद का उल्लेख नहीं किया गया है।

संयुक्त उद्घोषणा में कहा गया कि वैश्विक वृद्धि स्थिर हो रही है और इसके इस साल तथा 2020 में कुछ वृद्धि होने की उम्मीद है। बयान में आगे कहा गया कि समूह तनावों से संबंधित खतरों का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध है और जरूरत पड़ने पर और कार्यक्रम लांच करेगा।

साल 1999 में स्थापित जी-20 आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए केंद्रीय मंच है। इसमें 19 देश तथा यूरोपीय संघ (ईयू) हैं।

इसके सदस्य देशों में अर्जेटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडिया, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका हैं।

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