वैज्ञानिकों ने अत्यंत पतली सौर बैटरी की विकसित

वैज्ञानिकोंसियोल | वैज्ञानिकों ने एक अत्यंत पतली सौर बैटरी बनाने में कामयाबी हासिल की है, जो इतनी लचीली है कि किसी पेंसिल पर लपेटा जा सकता है। इसका इस्तेमाल वेयरवेल इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे फिटनेस ट्रैकर और स्मार्ट ग्लाजेस आदि में किया जा सकेगा। दक्षिण कोरिया के गुवांगझू इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलजी के इंजीनियर जोंघो ली का कहना है, “हमारे द्वारा विकसित किया गया फोटोवॉल्टिक सेल महज एक माइक्रोमीटर पतला है, जो इंसान के बाल से भी पतला है।” सामान्य फोटोवॉल्टिक सेल इससे हजार गुना मोटाई वाला होता है, जबकि अब तक का सबसे पतला सेल भी इससे चार-पांच गुना मोटा है।

निर्माण सेमीकंडक्टर गैलीयम अर्सेनाइड से किया

शोधकर्ताओं ने इस बेहद पतले सेल का निर्माण सेमीकंडक्टर गैलीयम अर्सेनाइड से किया। यह सूर्य की रोशनी में किसी सामान्य फोटोवॉल्टिक सेल जितनी ही ऊर्जा पैदा करता है। शोधकर्ताओं ने इसे 1.4 मिमी पतले परत पर लपेट कर इसकी जांच की।

शोधकर्ताओं ने इस सेल का संख्यात्मक विश्लेषण भी किया और उन्होंने पाया कि पतले सेल के मुड़कर टूटने की संभावना कम होती है।

अप्लाइड फिजिक्स जर्नल में प्रकाशित इस शोध में ली ने लिखा है, “पतले सेल मुड़ने के दौरान अधिक मजबूत होते हैं और ये सेल अन्य सेल के मुकाबले अधिक तनाव झेल सकते हैं।”

ली आगे कहते हैं कि इन अत्यधिक पतले सेल को चश्मे के फ्रेम या किसी कपड़े से भी जोड़ा जा सकता है और इसका प्रयोग अगली पीढ़ी के वेयरेवल इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों में किया जा सकेगा।

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