वीआईपी कल्चर से परेशान डॉक्टर, पीएम को चिट्ठी लिख जताई नाराजगी

डॉक्टर और फ्रंटलाइन वर्कर्स कोरोना महामारी से इन दिनों जूझ रहे हैं। इस दौरान वह अस्पतालों में बड़े लोगों और राजनेताओं को मिलने वाले वीआईपी कल्चर से परेशान हैं। एम्स भुवनेश्वर के रेजीडेंट डॉक्टरों ने वीआईपी कल्चर से परेशान होकर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है।

पीएम मोदी को चिट्ठी में डॉक्टरों ने लिखा है कि एम्स जैसे सरकारी अस्पतालों में नौकरशाहों, राजनेताओं और राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं को इलाज में मिलने वाली तरजीह खत्म की जाए। चिट्ठी में लिखा गया है कि सभी लाइफ सपोर्टस आईसीयू सेवाओं को वीआईपी लोगों के लिए बुक किया जा रहा है। यहां तक कई लोगों को इसकी जरूरत तक नहीं है लेकिन फिर भी उन्हें आईसोलेशन में रखकर काम चलाया जा रहा है। चिट्ठी में बताया गया कि अस्पताल में वीआईपी काउंटर खोले जाने की बातें हो रही हैं। वहीं कई मामले ऐसे भी हैं जहां राजनेताओं ने डॉक्टरों की ड्यूटी खत्म होने के बाद भी उन्हें अपने घर बुलाया।

डॉक्टरों ने आगे कहा है कि यदि वह उनके परिवार का कोई सदस्य कोरोना संक्रमित हो जाता है तो उन्हें बदले में लंबी कतारें औऱ अस्पतालों के पहले से भरे हुए बिस्तर ही मिलते हैं। अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए अलग से काउंटर तक नहीं है।

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