नेपाल में खुल रहे चीन के स्कूल, बढ़ रही बच्चों की भीड़

विनाशकारी भूकंपकरेपालनचौक। नेपाल में साल 2015 में आए विनाशकारी भूकंप की पहली बरसी पर चीन की मदद से यहां खुले स्कूल को तीन सप्ताह हुए हैं, जहां बच्चे उत्साह के साथ पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त यहां कई अस्थाई शिक्षण केंद्र भी चल रहे हैं, जिनमें 10 से अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। यह भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र रहा था।

विनाशकारी भूकंप में सबसे प्रभावित जिला

पिछले साल के विनाशकारी भूंकप में करेपालन जिला नेपाल के सबसे प्रभावित जिलों में शामिल था। इस क्षेत्र और आसपास के लाखों बच्चों को भूकंप के बाद शिक्षा के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है, लेकिन श्री सुंदर सर्वोदय प्राथमिक विद्यालय के छात्र खुद को खुशनसीब मान रहे हैं।

पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले 12 वर्षीय सुंधोज तमांग ने सोमवार को कहा, “इससे पहले हम खुले आसमान और उसके बाद एक अस्थाई शिक्षा केंद्र में पढ़ रहे थे, लेकिन आखिरकार हम एक अच्छा स्थान मिल गया। यह हमारी पुरानी स्कूल की इमारत से भी अच्छा है।”

सुंधोज की ही तरह इस स्कूल के अन्य 74 प्राथमिक छात्रों का भी कहना है कि अब वह बेहतर और सुरक्षित वातावरण में पढ़ रहे हैं, जिसके लिए वह चीनी सहायता का आभार जताते हैं।

पिछले साल 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप में सैकड़ों स्कूल पूरी तरह तबाह हो गए थे।

चीनी सहायता से स्कूल की इमारत का निर्माण तीन महीने में किया गया है। इसमें सात कक्षाएं हैं। इसका निर्माण उस समय किया गया, जब देश ईंधन और सीमा नाकेबंदी के कारण आवश्यक वस्तुओं की कमी से जूझ रहा था। इस स्कूल भवन की निर्माण लागत 3,751 डॉलर से अधिक आई है।

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