इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में देखने को मिली कई तरह की गड़बड़ियां

नई दिल्ली:  नवंबर और दिसंबर में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए. ऐसे में नतीजों से पहले बीते शुक्रवार 7 दिसंबर को एग्जिट पोल आये. ऐसे में सभी राजनीतिक दलों की धडकनें बढ़ी हुई हैं. इन एग्जिट पोल्स के मुताबिक़ मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर है. वहीँ बात करें राजस्थान की तो यहाँ पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस के सत्ता में आने के ज्यादा मौके हैं. वहीँ बात करें तेलंगाना की तो यहाँ पर सत्तारूढ़ पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति सत्ता में रहेगी.

ऐसे में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के चुनावों में काफी अनियमितताएं सामने आई हैं. कहीं पर ईवीएम मशीन अपने नियुक्त स्थान पर देर से पहुंची, कहीं पर किसी पार्टी विशेष के प्रत्याशी के घर ईवीएम मिलने से हडकंप मच गया वहीँ कहीं पर मतदाताओं का नाम लिस्ट में नहीं पाया गया. वहीँ छत्तीसगढ़ में तो कथित तौर पर लोग मोबाइल और लैपटॉप लेकर स्ट्रोंग रूम में पहुँच गए. ऐसे में हम आज उन घटनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जहां चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठते नजर आये हैं.

 

मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट में नहीं:

तेलंगाना विधानसभा चुनावों में देखने को मिला कि कई मतदाताओं का नाम लिस्ट में नहीं था. इसमें मशहूर बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट का नाम भी शामिल है. ज्वाला ने ट्वीट करके खुद इस बात की जानकारी दी. उन्होनें एक ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘मतदाता सूची से अपना नाम गायब होने पर आश्चर्यचकित हूं.’

एक अन्य ट्वीट में लिखा गया, ‘चुनाव निष्पक्ष कैसे हो सकते हैं. जब मतदाता सूची से ही नाम रहस्यमय तरीके से गायब हो जाते हैं.’ राज्य में इसी तरह बहुत से विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में नहीं होने के मामले सामने आए.

छत्तीसगढ़ के स्ट्रोंग रूम में मोबाइल/लैपटॉप लेकर घुसे लोग:

छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में दो लोग मोबाइल और लैपटॉप लेकर यहाँ के स्ट्रांग रूम में घुस गए. पुलिस जानकारी के मुताबिक़ पता चला है कि उन्होनें बताया कि वे जियो कर्मचारी हैं. वहीँ कुछ चैनलों का कहना है कि स्ट्रांग रूम में पाए गए लोगों की संख्या तीन थी.

भाजपा उम्मीदवार के घर पर मिली ईवीएम:

राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान भी बड़ी धांधली का मामला सामने आया है. यहाँ पर बारां और पाली जिले में चुनाव के बाद यहाँ की सड़कों पर ईवीएम मशीनें मिली हैं. वहीँ पाली जिले में भाजपा के उम्मीदवार के घर एक ईवीएम मिलने से हडकंप मच गया है. इन अनियमितताओं को देखते हुए कई अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन भी लिए गए हैं.

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मध्य प्रदेश में भी ईवीएम में छेड़-छाड़:

यहाँ पर विपक्षी कांग्रेस ने राज्य की सत्ता में काबिज भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि, “यहाँ पर ईवीएम के सागर हेडक्वार्टर पहुँचने पर यहाँ का कैमरा करीब दो घंटे के लिए बंद हो गया था.

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आरोप यह भी है कि राज्य में खुरई से सागर 37 रिजर्व ईवीएम डिलिवर करने के लिए 25 किमी का रास्ता तय करने में एक बस समेत दो गाड़ियों को 48 घंटे का समय लग गया. बस का रजिस्ट्रेशन नंबर भी नहीं था. मामले में एक दिग्गज कांग्रेस नेता ने कहा कि इससे शक पैदा होता है.

 

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