विटामिन डी की कमी से बढ़ जाता है दिल के रोगों और डायबिटीज का खतरा, ऐसे पहचानें लक्षण

हमारे शरीर के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी है। सूरज की रोशनी विटामिन डी का सबसे अच्छा प्राकृतिक स्रोत है। लेकिन जो लोग धूप में बिल्कुल नहीं जाते हैं या कम रहते हैं, उनके शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है। भारत में ये समस्या महिलाओं में सबसे ज्यादा देखी जाती है। विटामिन डी हमारे शरीर में कैल्शियम को अवशोषित होने में मदद करता है। इसलिए ये विटामिन हड्डियों की मजबूती के लिए बहुत जरूरी है। मगर क्या आप जानते हैं कि विटामिन डी की कमी आपको हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर और डायबिटीज जैसे गंभीर रोग भी दे सकती है। जी हां, आइए आपको बताते हैं कि विटामिन डी की कमी किस तरह आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।

vitamin d

हृदय रोगों का बढ़ जाता है खतरा
विटामिन डी की कमी से धमनियां (आर्टरीज) कठोर हो जाती हैं और उनमें कैल्शियम के जमा हो जाने से वे संकरी हो जाती हैं। इस कारण धमनियों में कम मात्रा में रक्त प्रवाह होता है। यही कारण है कि विटामिन डी की कमी के कारण हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और दिल का दौरा पड़ने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं। हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त 90 प्रतिशत लोगों में विटामिन डी की कमी दर्ज की जाती है जबकि एंजाइना से ग्रस्त 80 प्रतिशत रोगियों में विटामिन डी की कमी पाई जाती है। विटामिन डी की कमी के कारण पैराथायरायड हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है और धमनियों में रक्त का दवाब भी बढ़ जाता है। यह स्थिति हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनती है।

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डायबिटीज होने की भी रहती है आशंका
विटामिन डी की कमी से डायबिटीज का खतरा भी बहुत अधिक बढ़ जाता है। 70 प्रतिशत डायबिटीज के मरीजों में विटामिन डी की कमी दर्ज की जाती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि विटामिन डी पैन्क्रियाज की बीटा कोशिकाओं (जिनसे इंसुलिन हार्मोन बनता है) की कार्यप्रणाली को बढ़ाती है। डायबिटीज के मरीजों को रोज थोड़ा समय धूप में बिताना चाहिए, क्योंकि ये उनके लिए फायदेमंद होता है।

घट जाती है शरीर की इम्यूनिटी
विटामिन डी की कमी से शरीर की इम्यूनिटी घटती है और तरह-तरह के रोगों का खतरा बढ़ जाता है। यही कारण है कि विटामिन डी की कमी से शरीर में आटो इम्यून बीमारियां उत्पन्न होती हैं। जैसे- र्यूमैटॉइड अर्थराइटिस और थायरॉयड ग्रंथि से संबंधित रोगों में विटामिन डी की कमी होती है। फेफड़ों के रोग जैसे दमा, सीओपीडी, और न्यूमोनिया में विटामिन डी की कमी होती है। इसी प्रकार रक्त कैंसर में भी विटामिन डी कम हो जाता है।

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लक्षण
हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इस कारण बार-बार फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है।
मांसपेशियों में जकड़न, कमजोरी और थकान महसूस होना।
मूड में बार-बार जल्दी-जल्दी बदलाव होना। चिंता करना, हताशा और डिप्रेशन आदि समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं।
मांसपेशियों में दर्द और जकड़न महसूस करना।
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या।
अनिद्रा और थकान की समस्या।
कार्यक्षमता में कमी।

बच्चों के लिए बहुत जरूरी है विटामिन डी
बच्चों के शरीर के लिए जरूरी विटामिन में से एक है विटामिन डी। कुछ लोग इस ‘वंडर विटामिन’ भी कहते हैं। विटामिन डी बच्चों के स्वास्थ्य और उनके विकास के लिए जरूरी है। आजकल के बच्चे दिनभर घरों में या स्कूल की छत के नीचे रहते हैं। इस कारण से उनमें विटामिन डी की बहुत कमी देखी जाती है। अगर बच्चे रोजाना थोड़ा समय धूप में खेलें या बैठें, तो उनमें इस विटामिन की कमी नहीं होगी। इन कारणों से बच्चों के लिए विटामिन डी जरूरी है-

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बच्चों के मजबूत दांत और हड्डियों के लिए रक्त में कैल्शियम और पौटेशियम की जरूरत होती है।
शरीर में मिनरल के संतुलन और ब्लड क्लॉटिंग को रोकने के लिए जरूरी है।
हृदय व नर्व सिस्टम को ठीक रखने में
शरीर में इंसुलिन के स्तर को बनाने के लिए

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