अगर आप हैं क्रिएटिव तो इस फील्ड में आपके लिए है बहुत कछ
किसी को विज्ञापन में गोरापन दिखाना हो या एक्शन मूवी के खतरनाक स्टंट हों, यह सब मुमकिन होता है वीएफएक्स यानी विजुअल इफेक्ट्स के कारण। इन स्पेशल इफेक्ट को बनाने का काम करते हैं विजुअल इफेक्ट आर्टिस्ट। विजुअल इफेक्ट्स को स्पेशल इफेक्ट्स भी कहते हैं जो एनिमेशन का हिस्सा होता है। विजुअल इफेक्ट्स आर्टिस्ट की जॉब में बेहतरीन करियर, क्रिएटिविटी और हाई सैलरी होती है। फ्रेशर्स की स्टैंडर्ड सैलरी इसमें 15 हजार रुपये के ऊपर से ही शुरू होती है। उसके बाद ग्रोथ के अनलिमिटेड चांस देता है यह क्षेत्र। चूंकि अभी इस क्षेत्र में करियर आजमाने वाले ज्यादा नहीं हैं लिहाजा मौके खूब हैं, जरूरत है तो बस क्रिएटिविटी की।
इस फील्ड के लिए जरूरी हैं ये चीजें
- क्रिएटिव सोच
- इस फील्ड में इंट्रेस्ट हो
- कम्प्यूटर पर घंटों काम करना अच्छा लगता हो
- कुछ अलग करना चाहते हों
इस फील्ड में प्रोफेशनल बनने के लिए करना होगा कोर्स
- विजुअल इफेक्ट स्पेशलिस्ट बनने के लिए आप सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं।
- इस फील्ड में प्रैक्टिस बेहद जरूरी है। कोर्स के साथ लगातार प्रैक्टिस करके आप अपनी स्किल्स साल भर में डेवलप कर सकते हैं।
क्वालिफिकेशन
- फील्ड में आने के लिए किसी स्पेसिफिक बैकग्राउंड की जरूरत नहीं।
- 12वीं या ग्रेजुएशन के बाद आप इसके कोर्स कर सकते हैं।
- कोई कम्प्यूटर कोर्स किया है तो उस कोर्स का भी इस फील्ड में उसका फायदा मिलेगा।
इस फील्ड से रिलेटेड कोर्सेज
- विजुअल इफेक्ट के 3 माह, 6 माह व 1 साल के सर्टिफिकेट कोर्स हैं।
- 2 साल का डिप्लोमा कोर्स भी इंस्टिट्यूट ऑफर कर रहे हैं। इनमें विडियो प्रॉडक्शन, ग्राफिक डिजाइन, मोशन ग्राफिक्स, कैमरा ट्रैकिंग, फिल्म रेस्टोरेशन आदि सिखाई जाती हैं।
इस फील्ड का जॉब एरिया
- फीचर फिल्म, टेलीविजन प्रोग्राम्स, एनिमेशन, वीडियो गेम्स, एडवरटाइजमेंट व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के ज्यादातर वर्क।
- प्रोडक्शन हाउस, एडवरटाइजिंग एजेंसी, न्यूज चैनल्स, मीडिया हाउस में विजुअल इफेक्ट स्पेशलिस्ट की जरूरत होती है।
सैलरी
- इस क्षेत्र में फ्रेशर्स को 15 से 25 हजार रुपये प्रति माह सैलरी मिलती है।
- पार्ट टाइम हैं तो भी 8 से 10 हजार रुपये प्रति माह मिल जाते हैं।
मुख्य सॉफ्टवेयर्स
कोरल ड्रा, एडोब इलेस्ट्रेटर, एडोब आफ्टर इफेक्ट्स, माया, मेंटल रे।
कई फील्ड में है जरूरत
फिल्म इंडस्ट्री
वीएफएक्स का सबसे ज्यादा इस्तेमाल फिल्म इंडस्ट्री में होता है। फिर चाहे सुपर हीरो के स्टंट दिखाने हों या एक्शन मूवी के सीक्वेंस, वीएफएक्स का इस्तेमाल हर जगह होता है।
ऐड वर्ल्ड
एड वर्ल्ड में विजुअल इफेक्ट्स का बहुत बोलबाला है। या यूं कहें कि एड वर्ल्ड विजुअल इफेक्ट्स पर ही टिका है। लगभग सभी एड तैयार करने में वीएफएक्स का सहारा लिया जाता है। इसके अलावा सिनेमा स्क्रीन पर चलने वाली विज्ञापन की स्लाइड बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। अखबार में छपने वाले एड भी इसी तकनीक से तैयार किए जाते हैं।
एजुकेशन
नए जमाने के स्मार्ट क्लास में बच्चों को सिखाने वाले विडियोज में भी वीएफएक्स का इस्तेमाल किया जाता है। कई अन्य विडियोज में भी वीएफएक्स के जरिए विज्ञान, कॉमर्स एंव अन्य सब्जेक्ट्स के कॉन्सेप्ट समझाए जाते हैं।
रिसर्च
वैज्ञानिकों को अपना रिसर्च प्रोजेक्ट, थ्योरी और कॉन्सेप्ट समझाने के लिए वीएफएक्स तकनीक से विडियो बनते हैं। हाल ही में इसरो के मंगलयान का और क्रायोजन इंजन के प्रक्षेपण के विडियो भी इसी तकनीक से बनवाए गए थे। सिखाने और अभ्यास के लिए बनवाए जाने वाले स्टीम्युलेटर में भी वीएफएक्स तकनीक का ही प्रयोग होता है।
गेमिंग
इन दिनों गेम बनाना भी एक बड़ा सेक्टर बन कर सामने आया है। गेमिंग की दुनिया वीएफएक्स के बिना सोचना भी संभव नहीं है। इनके निर्माण का एक बड़ा हिस्सा वीएफएक्स पर ही निर्भर करता है।
ग्राफिक डिजाइनिंग
इलेक्ट्रॉनिक होल्डिंग, टेलीविजन में विज्ञापन में दिखाए जाने वाले ट्रांजिशन, पैकेजिंग के ग्राफिक और लोगो जैसे कई कामों में ग्राफिक्स का ही इस्तेमाल होता है। यह सब भी विजुअल इफेक्ट्स का हिस्सा होते हैं।
ये भी हैं ऑप्शन
इसके अलावा कई डिजाइनिंग कंपनियां अपने वर्चुअल रियलिटी सेंटर सेटअप करती हैं ताकि वह यह पता कर सकें कि जब उनका प्रॉडक्ट बन कर तैयार होगा तब वह कैसा दिखेगा। इसके लिए वह पूरा स्टूडियो तैयार कराते हैं। वेबसाइट डिजाइनिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, सेटेलाइट टीवी या दूसरी डिजाइनिंग कंपनी में वीएफएक्स आर्टिस्ट की मांग हमेशा रहती है।
ग्रोथ के भी हैं काफी चांसेज
बीएलएस के अनुसार, मल्टीमीडिया में प्रफेशनल्स की डिमांड हर साल 6 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। इस हिसाब से इस इंडस्ट्री में स्कोप की बहुत संभावनाएं हैं। साल 2013 में स्पेशल से जुड़ी फिल्म इंडस्ट्री को सबसे अच्छी सैलरी देने वाली इंडस्ट्री चुन गया था। इस फील्ड में काम करने वाले लोगों की डिमांड हमेशा बनी रहती है। कई प्रॉजेक्ट समय से पूरे करने के लिए भी कैंडिडेट्स की भर्ती की जाती है।
इंटरप्रेन्योर
जॉब के अलाव इस फील्ड में आंत्रप्रेन्योर बनने की अच्छी संभावना है। कोर्स के बाद या कुछ एक्सपीरियंस हो जाने के बाद अपना प्रॉडक्शन हाउस या वीएफएक्स स्टूडियो खोला जा सकता है
फ्रीलांस
यह फील्ड फ्रीलांसर्स के लिए भी अच्छी मानी जाती है। कई लोग अपना काम सस्ते दाम पर कराने के लिए फ्रीलांस को प्रेफर करते हैं। ऐसे में फ्रीलांसर्ज के लिए वीएफएक्स में अच्छा काम मौजूद है।
टॉप रिक्रूटर्स
रेड चिलीज, पिक्सार स्टूडियोज, एनिमैक्स, बालाजी टेलीफिल्म्स, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट
एक्सपर्ट कमेंट
क्रिएटिव फ्रेम स्टूडियोज के डायरेक्टर प्रवेश सिंह का कहना है कि वीएफएक्स की फील्ड जितनी दिखती है, उससे कहीं ज्यादा विस्तृत है। इस फील्ड में ज्यादातर समय वीएफएक्स आर्टिस्ट की डिमांड बनी रहती है। बस कैंडिडेट को नॉलेज होनी चाहिए कि इसमें चीजें कैसे होती हैं। इस फील्ड में छोटे शॉर्ट टर्म कोर्स से लेकर फुल टाइम कोर्स, जॉब दिलाने में सक्षम है। विदेशों का काफी काम हमारे देश में आउटसोर्स होता है। ऐसे में मंझे हुए आर्टिस्ट्स को काम पाने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
वहीं, ऐड एजेंसी के डिजाइन मैनेजर जयम बंसल कहते हैं कि जो भी नया स्टूडेंट वीएफएक्स आर्टिस्ट बनना चाहता है, उसे पढ़ाई के समय बताए गए टूल्स और अपनी क्रिएटिविटी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना आना चाहिए। अगर कैंडिडेट को स्केचिंग आती है तो यह उसके फयूचर के लिए बहुत बड़ा प्लस होता है जो उसे हमेशा आगे बढ़ाएगा। इस फील्ड में फ्रेशर्स को जॉब के लिए ज्याद भटकना नहीं पड़ता है। बस काम आता हो तो जॉब खुद आती है।
इस इंड्रस्ट्री में प्लेसमेंट के समय एम्प्लॉयर कैंडिडेट की शो रील (जो काम किया है उसे मल्टीमीडिया पर देखना) देखता है। इसलिए कैंडिडेट को अपनी शो रील बहुत अलर्ट होकर बनानी चाहिए। यह जितनी अच्छी और एक्युरेट होगी, जॉब के चांसेज उतने ज्यादा होंगे।