भारतीय राजदूत के सामने आये फरार विजय माल्‍या फिर …

विजय माल्‍या लंदन/नई दिल्ली | शराब कारोबारी विजय माल्‍या धन शोधन (मनी लांड्रिंग) के मामले में वांछित हैं और भगोड़ा घोषित हैं। उन्हें लंदन में एक पुस्तक विमोचन समारोह में देखा गया। उस कार्यक्रम में भारतीय उच्चायुक्त नवतेज सरना भी थे। इसे लेकर भारत में विवाद शुरू हो गया है।

सरकार ने शनिवार को स्पष्ट किया कि दर्शक दीर्घा में भगोड़े माल्या को देखते ही भारतीय राजनयिक सरना उस कार्यक्रम से बाहर चले गए। सरकार ने लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स में गुरुवार को आयोजित कायक्रम से अपने को अलग कर लिया है। सरकार का कहना है कि सुहेल सेठ और पत्रकार सन्नी सेन द्वारा लिखित ‘मंत्राज फॉर सक्सेस : इंडियाज ग्रेटेस्ट सीईओज टेल यू हाउ टू विन’ नामक पुस्तक का विमोचन समारोह भारतीय उच्चायोग ने आयोजित नहीं किया था।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली में जारी एक बयान में कहा, “लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस (एलएसई) की निमंत्रण सूची एलएसई द्वारा तय की गई थी। उन्होंने उच्चायुक्त को लिखा है कि माल्या उनकी सूची में नहीं थे।”

विजय माल्‍या  को देख राजदूत ने छोड़ा कार्यक्रम

बयान में आगे कहा गया है कि पुस्तक विमोचन समारोह, जिसमें ब्रिटेन के मंत्री जो जॉन्सन और अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए थे, उसका सोशल मीडिया के जरिए अच्छी तरह प्रचार किया गया था और इसमें उपस्थिति के लिए पंजीकरण जरूरी नहीं था।

सरना को उस पुस्तक पर चर्चा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था।

बयान में कहा गया है कि जब उच्चायुक्त सरना ने उपस्थित लोगों में माल्या को देखा तो वह तत्काल मंच और समारोह स्थल छोड़कर चले गए। वह चर्चा सत्र के लिए भी नहीं रुके।

कहा गया है कि उस दिन दो कार्यक्रम थे। पुस्तक का विमोचन ब्रिटेन के विश्वविद्यालय एवं विज्ञान मंत्री जो जानसन ने किया। दूसरा कार्यक्रम कुछ खास अतिथियों का उच्चायोग द्वारा स्वागत किया जाना था। पुस्तक विमोचन समारोह का आयोजन 100 फुट जर्नी क्लब की ओर से भारतीय उच्चायोग एवं एलएसई के सहयोग से किया गया था।

बयान में यह भी कहा गया है, “माल्या को (भारतीय) उच्चायोग के स्वागत समारोह में निश्चित तौर पर आमंत्रित नहीं किया गया था.. वह मौजूद भी नहीं थे।”

इस पुस्तक के लेखकों में से एक सेठ ने सिलसिलेवार ढंग से कई ट्वीट कर कहा है कि वह एक खुला आयोजन था। किसी को भी विशेष तौर पर आमंत्रित नहीं किया गया था। कोई भी उस कार्यक्रम में शामिल हो सकता था। सेठ ने इस बात से इनकार किया कि विजय माल्या उन लोगों में शामिल थे, जिन्हें आमंत्रित किया गया था।

लेकिन पुस्तक के विमोचन समारोह में माल्या की उपस्थिति को लेकर सोशल मीडिया पर बहुत क्रोधपूर्ण टिप्पणियां आने लगीं और राजनीतिक विवाद शुरू हो गया।

विजय माल्‍या  के खिलाफ मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत से माल्या को भगोड़ा घोषित करने का आग्रह किया था, ताकि ब्रिटेन से उन्हें निर्वासित कराया जा सके। वह पिछले करीब चार महीने से लंदन में हैं।

कांग्रेस ने विजय माल्‍या  के खिलाफ जांच में नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया है। माल्या पर भारत के 18 बैंकों का 9000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। विजय माल्‍या  के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी है

इस बीच, कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने विजय माल्‍या  के खिलाफ जांच में नरमी बरतने का आरोप लगाते हुए सरकार की आलोचना की है।

तिवारी ने एक टीवी चैनल से कहा, “वे उन्हें (माल्या को) वापस लाने को लेकर गंभीर नहीं हैं और इसलिए उन्हें उसी समारोह में शरीक होने में कोई बुराई नजर नहीं आ रही।”

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “यह आश्चर्यजनक नहीं है। दरअसल सरकार छलावा करने की कोशिश कर रही है। वे माल्या को वापस लाने को लेकर गंभीर नहीं हैं। इंग्लैंड में भारतीय उच्चायुक्त इसको भलीभांति समझते हैं, इसलिए उस कार्यक्रम में शिरकत करने में उन्हें कोई समस्या नजर नहीं आती है।”

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “अगर सरकार माल्या को वापस लाने में गंभीर है तो यह सार्वजनिक करे कि विगत पांच वर्षो में उसके निजी विमान में किसने यात्रा की।”

टीवी चैनल ‘टाइम्स नाउ’ के साथ साक्षात्कार में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि इंग्लैंड से माल्या का प्रत्यर्पण भारत सरकार के लिए आसान नहीं है।

जेटली के बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए तिवारी ने कहा, “अरुण जेटली वही कह रहे हैं, जो उन्हें कहा गया है। वह बहाना बना रहे हैं और कई नाकामियों को छिपा रहे हैं।”

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अगर वे गंभीर रहे होते तो माल्या को कभी नहीं जाने देते।

माल्या बैंक ऋण लौटाने में विफल रहे हैं और उनके खिलाफ धन शोधन का मामला भी चल रहा है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी विजय माल्या के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी चुका है। विजय माल्या पर आईडीबीआई बैंक के लोन भुगतान में चूक का आरोप है। कई बार आदेश देने के बाद भी विजय माल्या कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। प्रर्वतन निदेशालय अब तक विजय माल्या की 1,411 करोड़ की संपत्ति भी जब्त कर चुका है।

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