विजय बहादुर सपा से बर्खास्त, ग्रामीणों से दबंगई का आरोप
लखनऊ। जमीन पर कब्जे को लेकर ग्रामीणों को मारने-पीटने के आरोप में सपा नेता विजय बहादुर यादव को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। मुख्यमंत्री ने भूमाफिया विजय के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए कड़ी कार्रवाई का आदेश डीजीपी को दिया है। पार्टी से बर्खास्तगी की खबर पाते ही विजय बहादुर यादव मौके से फरार हो गया है। जिसकी तलाश में पुलिस टीमें दबिश दे रही है।
मामला राजधानी के चिनहट इलाके के गांव बाघामऊ का है, जहां गुरुवार को असलहों और लाठी-डंडों से लैस विजय बहादुर यादव और उसके गुर्गो ने ग्रामीणों पर जमकर कहर बरपाया। विजय बहादुर यादव ने दबंगई की सारी हदें पार कर दीं। गांव के दर्जन भर लोगों ने विजय यादव समेत ग्राम प्रधान सहित करीब 100 लोगों पर असलहे के बल पर जानलेवा हमला करने और गांव खाली कराने का गंभीर आरोप लगाया है।
इस जानलेवा हमले में घायल एक शख्स को गंभीर हालत में ट्रामा में भर्ती कराया गया है। एक दर्जन से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
यह है पूरा मामला
विजय बहादुर यादव के जुल्म के शिकार एसएसपी आवास पर जानलेवा हमले में बुरी तरह से चोटिल बीरबल ने बताया कि उनकी बाघामऊ में एक जमीन है। जिसका खसरा संख्या-266 क और एरिया 0.1110 हेक्टेयर है। इस पर वह बीती 3 जुलाई को बाउंड्रीवाल बनवा रहे थे। इसी दौरान ग्राम प्रधान मनोज यादव सहित स्वयंवर यादव और लक्ष्मण ने विरोध करते हुए गाली-गलौज कर मारपीट की थी। इसकी शिकायत पर पुलिस ने उल्टा पीडित की जेसीबी को अपने कब्जे में ले लिया और कोई कार्यवाही नहीं की। इसके बाद प्रधान मनोज ने इसको ग्राम समाज की जमीन बताकर जिला प्रशासन से स्टे ले लिया। आरोप है कि गुरूवार को विजय यादव, हिस्ट्रीशीटर रघुनंदन कालिया और प्रधान मनोज यादव असलहों से लैस करीब 100 लोगों के साथ उस जमीन पर कब्जा करने पहुंचे। इस पर पीडित पक्ष ने ग्रामीणों के साथ इसका विरोध किया तो विजय यादव के साथ आए असलहाधारियों ने बंदूक की बट, लाठी-डंडों और बांके से हमला बोल बोल दिया।
इस हमले में बीरबल (55), मंगला देवी (50), संतोष उर्फ गुड्डू (35), पप्पी देवी (32), दिनेश सिंह (35), इंदल (35) और उसकी पत्नी शोभा देवी (33), केती देवी (36), बसंतलाल (28), अनुज कुमार (25), राधा देवी (32)और राममूर्ति (30) घायल हुए हैं।
इसमें अनुज की हालत बेहद गंभीर है जिसे ट्रामा में भर्ती कराया गया है। इस मामले में चिनहट पुलिस ने ईद में व्यस्त होने की बात कहकर कोई कार्यवाही नहीं की है। इसके बाद घायल एसएसपी कैंप आफिस में करीब 3 घंटे तक बाहर पड़े रहे लेकिन कोई उनकी सुध लेने नहीं आया। इंदल ने बताया कि मल्लौर चौकी इंचार्ज और लेखपाल उनका पक्ष नहीं सुन रहे। इस तरह दिनदहाड़े हुई घटना के बाद कोई कार्यवाही न होने से पीडि़त पक्ष सदमे में है।