विकास दुबे के दाहिने हाथ रहे अमर दुबे की पत्नी खुशी काे किशोर न्याय बोर्ड ने माना नाबालिग

बिकरू कांड में दुर्दांत विकास दुबे सबसे खास गुर्गे और दाहिने हाथ रहे अमर दुबे की पत्नी खुशी काे किशोर न्याय बोर्ड ने नाबालिग करार दे दिया है। यानि अमर दुबे ने नाबालिग से शादी करने का भी जुर्म किया था और विकास दुबे ने अपने घर पर ही लड़की व उसके परिवार वालों को बुलाकर शादी करवाई थी। अमर दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद पुलिस ने खुशी को हिरासत में लिया था और घटना में सहयोगी मानते हुए मुकदमा दर्ज किया था। इसपर खुशी के पिता ने कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए खुशी को नाबालिग बताया था, जिसपर मामला किशोर न्याय बोर्ड भेजा गया था। किशोर न्याय बोर्ड को तय करना था कि खुशी बालिग है या नाबालिग।

नौ दिन में उजड़ गया था सुहाग

खुशी को शादी की खुशियां सिर्फ तीन दिन के लिए ही मिलीं थी। विकास दुबे ने खुशी और उसके स्वजनों को अपने घर बुलाकर 29 जून को अपने सबसे खास गुर्गे अमर दुबे से विवाह कराया था। शादी में गांव वालों के अलावा कई बाहरी लोग भी शामिल हुए थे, जिसकी फोटो घटना के बाद सामने आने पर विकास से जुड़े लोगों का खुलासा हुआ था। इसमें आसपास क्षेत्र ही नहीं कानपुर नगर से भी कई लोगों के नाम सामने आए थे। इतना ही नहीं पुलिस बीट प्रभारी रहे केके शर्मा की भी नजदीकियां उजागर हुई थीं। शादी के तीसरे दिन ही दो जुलाई की रात हुई घटना के बाद अमर दुबे फरार हो गया था और पांचवें दिन हमीरपुर में छिपे अमर दुबे को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। अमर दुबे का एनकाउंटर होने से शादी के नौ दिन बाद खुशी का सुहाग उजड़ गया था।

अपनी ही शादी में खूब नाची थी खुशी

बिकरू कांड में मुख्य आरापित विकास दुबे के दाहिने हाथ और सबसे खास अमर दुबे के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने उसकी पत्नी खुशी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। काफी समय तक उससे पूछताछ जारी रही थी। उसे गिरफ्तारी पर सवाल उठने पर पुलिस ने कोर्ट से उसकी रिहाई की तैयारी शुरू कर दी थी। बाद में फोन पर हुई उसकी बातचीत का ऑडियो और शादी का वीडियो वॉयरल होने से संदेह के आधार पर जेल भेज दिया गया था। वायरल हुए वीडियो में प्रभात मिश्रा व साथियों के साथ छोटे-छोटे भाइयों के बड़े भइया… गाने पर खुशी जमकर थिरकी थी।

पिता ने कोर्ट में दाखिल की थी याचिका

खुशी को नाबालिग बताते हुए पिता श्यामलाल तिवारी ने एंटी डकैती कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र राम किशोर ने मामला किशोर न्याय बोर्ड को ट्रांसफर कर दिया था। इसपर किशोर न्याय बोर्ड को तय करना था कि खुशी नाबालिग है या बालिग। याचिका में कहा गया था कि गलत तथ्यों पर पुलिस ने बेटी पर फर्जी मुकदमा लिखा गया है। खुशी ने हाईस्कूल पास किया और हमेशा कक्षा में अच्छे अंक लाती रही है। रतनपुर शास्त्री नगर के सरस्वती प्राथमिक विद्यालय में कक्षा पांच और आठवीं किया है।

पनकी रतनपुर के शहीद चंद्रशेखर आजाद इंटर कालेज से नौंवी और दसवीं पास किया है। सभी शैक्षिक प्रमाणपत्रों की प्रतियां कोर्ट में दाखिल करते हुए बताया था कि खुशी की जन्मतिथि 21 अगस्त 2003 है और उसकी उम्र 16 साल 10 माह 12 दिन है। उन्होंन याचिका में खुशी नाबालिग घोषित करने की मांग की थी। बुधवार को सुनवाई के किशोर न्याय बोर्ड ने फैसला दिया है कि खुशी नाबालिग है। इस आदेश के बाद यह तय हो गया कि अब खुशी के मामले की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में होगी।

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