वास्तविकता के और करीब पहुंचा गोमती नगर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास

लखनऊ, 23 नवंबर 2020:
रेरा रजिस्ट्रेशन के पूरा होने और आईआईटी दिल्ली द्वारा डिजाइन की स्वीकृति के साथ गोमती नगर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास वास्तविकता के और करीब पहुंच गया है। रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) एनबीसीसी के साथ मिलकर ईपीसी मोड पर गोमती नगर रेलवे स्टेशन, लखनऊ के पुनर्विकास का कार्य कर रहा है। पुनर्विकास का उद्देश्य यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करना है। स्टेशन का पुनर्विकास दो चरणों में किया जाएगा। इसमें पहले चरण में मैन्डटरी स्टेशन डेवलपमेंट जैसे स्टेशन बिल्डिंग, एयर कान्कॉर्स, फूड कोर्ट्स, प्लेटफार्मों का नवीनीकरण और अन्य सुविधाएं शामिल है। वहीं, दूसरे चरण में कमर्शियल डेवलपमेंट जैसे रिटेल, बेसमेंट पार्किंग और बाहरी विकास शामिल है।

स्टेशन पुनर्विकास के लिए अनुमानित कुल निर्माण लागत 190 करोड़ रुपये है वहीं, 2 साल के रखरखाव समेत कमर्शियल डेवलपमेंट के लिए अनुमानित लागत 170 करोड़ रुपये है। पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन में आगमन और प्रस्थान करने वाले यात्रियों के लिए अलग-अलग जगह, बेसमेंट पार्किंग, सीसीटीवी निगरानी, वातानुकूलित कॉमन स्पेस, इंटीग्रेटेड बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम, बागवानी उपयोग के लिए उपचारित पानी समेत और बहुत सी सुविधाएं होंगी।

गोमती नगर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास को लेकर रेल भूमि विकास प्राधिकरण के वाइस-चेयरमैन श्री वेद प्रकाश डुडेजा ने कहा, “लखनऊ का गोमती नगर क्षेत्र कमर्शियल और रिटेल हब के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है। स्टेशन रणनीतिक रूप से शहर के अन्य हिस्सों से बेहतर कनेक्टिविटी के साथ जुड़ा हुआ है। 60 साल की लीज सेल के लिए बनाया जा रहा कमर्शियल स्पेस हयात होटल और न्यू डीएलएफ शॉपिंग कम ऑफिस प्लाजा के करीब है। गोमती नगर रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना का उद्देश्य यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए इसे वैश्विक मानकों के अनुरूप अपग्रेड करना और क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कमर्शियल स्पेस प्रदान करना है। री-डेवलपमेंट से रियल एस्टेट के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।”

गोमती नगर रेलवे टर्मिनस (जीटीएनआर) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बाराबंकी-लखनऊ सबअर्बन रेलवे पर एक निर्माणाधीन रेलवे टर्मिनस है। यह लखनऊ शहर के गोमती नगर, इंदिरा नगर, चिनहट, कामता क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करता है। वर्तमान में स्टेशन के तीन प्लेटफॉर्म हैं, साथ ही 3 और प्लेटफॉर्म निर्माणाधीन हैं।

रेलवे के पास गोमती नगर रेलवे स्टेशन पर लगभग 38 एकड़ भूखंड है, जिसमें से 8 एकड़ भूमि का उपयोग स्टेशन के पुनर्विकास और रिटेल व कमर्शियल डेवलपमेंट दोनों के लिए किया जा रहा है। यह प्रोपर्टी गोमती नगर मेन रोड के सामने है जो आगे शहीद पथ और पंडेरा को जोड़ता है। दूसरी तरफ, प्रोजेक्ट के एक हिस्से के रूप में एक दूसरी न्यू एंट्री रेलवे स्टेशन टर्मिनल बिल्डिंग विकसित की जा रही है। स्टेशन के समीप में आवासीय कॉलोनियां और दीन दयाल पार्क है। इसके अलावा, ईस्टर्न पेरीफेरी पर किसान बाजार से जुड़ा है।

वर्तमान में दो कमर्शियल टावर, ब्लॉक आर 1 और ब्लॉक आर 2 के पास संयुक्त रूप से 453,000 स्क्वायर फीट का बिल्टअप एरिया है। एनबीसीसी द्वारा कमर्शियल डेवलपमेंट के एक भाग के रूप में पेश किया जा रहा है जिसमें रिटेल आउटलेट्स, पार्किंग आदि शामिल होंगे। लीज की औसत कीमत ब्लॉक आर 1 के लिए 6625 रूपये / प्रति स्क्वायर फीट और ब्लॉक आर 2 के लिए 5900 रूपये प्रति स्क्वायर फीट के हिसाब से आंकी गई है। कमर्शियल ब्लॉकों के लिए ई-नीलामी जारी है जो 23 नवंबर 2020 तक चलेगी। इच्छुक पार्टियां एनबीसीसी पोर्टल के माध्यम से ई-नीलामी में भाग ले सकते हैं। इस से पहले हाल ही में हुई नीलामी में 6940 स्क्वायर फीट क्षेत्र को 60 साल की लीज अवधि के लिए 5.16 करोड़ रूपये में बुक किया गया है। यह परियोजना आरएलडीए द्वारा शीघ्र ही लीज पर दी जाने वाली 8.5 एकड़ के रेजीडेंसियल डेवलपमेंट से भी जुड़ी है।

आरएलडीए वर्तमान में 62 स्टेशनों पर चरणबद्ध तरीके से काम कर रहा है, जबकि इसकी सहायक कंपनी, आईआरएसडीसी ने अन्य 61 स्टेशनों को अपना लिया है। पहले चरण में, RLDA ने पुनर्विकास के लिए नई दिल्ली, गोमती नगर, तिरुपति, देहरादून, नेल्लोर और पुदुचेरी जैसे प्रमुख स्टेशनों को प्राथमिकता दी है। भारत सरकार द्वारा शुरू की गई स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के एक हिस्से के रूप में भारत भर के रेलवे स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर पुनर्विकास किया जाएगा।

रेल भूमि विकास प्राधिकरण (RLDA) रेलवे भूमि के विकास के लिए रेल मंत्रालय के अधीन एक सांविधिक निकाय है। इसकी विकास योजना के एक भाग के रूप में चार प्रमुख अधिदेश हैं, अर्थात् वाणिज्यिक स्थलों, कॉलोनी पुनर्विकास, स्टेशन पुनर्विकास और बहु-कार्यात्मक परिसरों को
पट्टे पर देना है।


वर्तमान में, भारतीय रेलवे के पास भारत भर में लगभग 43,000 हेक्टेयर खाली भूमि है, जिसमें से आरएलडीए के पास खुली और पारदर्शी ई-बोली प्रक्रिया के माध्यम से चयन के बाद पात्र डेवलपर्स को पट्टे पर देने के लिए भारत भर में 92 वाणिज्यिक (ग्रीनफील्ड) साइटें हैं। आरएलडीए वर्तमान में 84 रेलवे कॉलोनी पुनर्विकास परियोजनाओं को संभाल रहा है और हाल ही में पुनर्विकास के लिए गुवाहाटी में एक रेलवे कॉलोनी को लीज पर दिया है।

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