अब टोल टैक्स नहीं, व्हीकल एंट्री फीस लेगा कैंट बोर्ड

वस्तु एवं सेवा करदेहरादून। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से कैंट बोर्ड के टोल टैक्स पर भी ‘बैरियर’ लग गया है। आमदनी पर विराम लगता देख छावनी परिषद देहरादून ने कैंट बोर्ड एक्ट के तहत इसका तोड़ निकाला है। कैंट बोर्ड ने अब टोल टैक्स के स्थान पर व्हीकल एंट्री फीस लागू की है।

एक जुलाई से लागू होने जा रहे जीएसटी में टोल टैक्स भी शामिल है। टोल टैक्स से कैंट बोर्ड को प्रतिवर्ष करीब 82 लाख रुपये की आमदनी होती है। मुख्य अधिशासी अधिकारी जाकिर हुसैन ने बताया कि टोल टैक्स की भरपाई राज्य सरकार को करनी थी।

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सरकार को इस संबंध में पत्र भेजा गया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। ऐसे में व्हीकल एंट्री फीस शुरू करने का निर्णय लिया गया है ताकि बोर्ड की आमदनी पर विराम न लगे। टोल टैक्स की वसूली के लिए कैंट बोर्ड ठेका देता आया है, लेकिन अब व्हीकल एंट्री शुल्क बोर्ड खुद वसूलेगा। ऐसे में कैंट बोर्ड के सामने चुनौती भी है, क्योंकि बोर्ड में पहले ही कर्मचारियों की कमी है। देखना होगा कि बोर्ड नई व्यवस्था को किस तरह अमल में लाता है।

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इन्हें दी रियायत

राज्य व केंद्र सरकार के वाहन, सेना के वाहन, सरकारी स्कूल बस, एंबुलेंस, शव ले जाने वाले वाहन, निर्वाचन आयोग व चुनाव में लगे वाहन, कृषि में लगी ट्रैक्टर-ट्रॉली, बैंक व एटीएम कैश डिलीवरी वाहन और सरकारी विभागों में अनुबंधित वाहन।

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