लोकसभा से पहले राहुल का ओडिशा स्ट्रोक, कहा- RSS-BJP ने बहुत सिखाया, अब उन्हें पढ़ने की जरूरत

नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों को देखते हुए बड़े-बड़े दिग्गज राजनेतानों के लगातार बयान आ रहे हैं। सियासी बिसात बिछाने की इस कवायद में ओडिशा काफी अहम है। यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों मौजूदा वक्त में इस क्षेत्र पर टारगेट किये हुए हैं।

राहुल गांधी

ख़ास यह है कि ओडिशा में कुल 21 लोकसभा सीटें हैं जो लोकसभा चुनाव के हिसाब से इस क्षेत्र की भूमिका को काफी अहम बनाती हैं।

बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन दौरों के बाद आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ओडिशा में हैं। राहुल गांधी ने यहां राज्य में कांग्रेस के मिशन 2019 की शुरुआत करते हुए भाजपा को निशाने पर लिया। अपनी बातों में जहां राहुल ने मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान उठाये क़दमों की खामियां गिनाईं, वहीं मोदी से बहुत कुछ सीखने की बात कही।

साथ ही राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भाजपा का अभिभावक बताया। उन्होंने कहा कि यह मानता है कि देश में केवल यही एक संगठन है और इसे देश के हर संस्थान में इसे पहुंचाया जा रहा है।

खबरों के मुताबिक़ राहुल ने संघ का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सत्ता का केंद्रीकरण हो रहा है और संस्थाओं को बर्बाद। कहा गया कि जस्टिस के मर्डर में भाजपा अध्यक्ष का हाथ है। यह पहले कभी नहीं हुआ था। आप नार्थ ब्लॉक जाइए वहां हर कोई कहेगा कि ओएसडी रखने के निर्देश भी नागपुर से मिलते हैं।

भुवेश्वर में राहुल ने कहा कि हम लोगों की सुनते हैं। नरेंद्र मोदी जी की तरह नहीं जो समझते है कि उन्हें सबकुछ पता है और सुझाव की कोई गुंजाइश नहीं है। यह अंतर है भाजपा और कांग्रेस में।

उन्होंने आगे कहा कि आज छोटे कारोबारी मुश्किल में है, उनके पास अनिल अंबानी, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसा बैंकिंग एक्सेस नहीं है। उन्होंने कहा कि लाखों करोड़ रुपये उद्योगपतियों के माफ कर दिए जाते हैं, लेकिन किसानों की मदद नहीं की जा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मेक इन इंडिया की बात करते हैं लेकिन 24 घंटे में सिर्फ 450 नौकरी ही पैदा हो पा रही हैं। जबकि चीन एक दिन में 53000 नौकरियां पैदा हो रही हैं।

इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि BJP-RSS ने अभी तक जो मुझे गालियां दी हैं, उससे मुझे काफी फायदा हुआ है। राहुल ने कहा कि मैं नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता, लेकिन उनकी और मेरी विचारधारा अलग है, मैं उनसे लड़ता रहूंगा। राहुल ने कहा कि आप मुझसे कितनी भी नफरत करें, लेकिन मैं आपसे प्यार से ही बात करूंगा।

राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी मेरे रोल मॉडल नहीं लेकिन उनमें बहुत सी बातें हैं जो अच्छी लगती हैं। वो मेरे विरोधी हैं इसका मतलब ये नहीं कि मैं उनकी तारीफ नहीं करूंगा। राहुल गांधी ने कहा कि प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री का फैसला काफी साल पहले लिया जा चुका था, लेकिन प्रियंका हमेशा कहती थीं कि वह चाहती हैं कि पहले उनके बच्चे बड़े हो जाएं। उन्होंने कहा कि हम दोनों हर मुद्दे पर चर्चा करते हैं।

उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी को मुख्य तौर पर उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा कि 2019 में विपक्ष ही चुनाव जीतेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो या तीन बार गीता पढ़नी चाहिए और स्वामी निसार दत्ता की I am That पढ़नी चाहिए।

गौरतलब है कि पिछले एक महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा के तीन दौरे कर चुके हैं, 29 जनवरी को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह भी ओडिशा पहुंच रहे हैं। अमित शाह यहां बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे।

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बता दें इससे पहले ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजद प्रमुख नवीन पटनायक पहले ही साफ कर चुके हैं कि ना वह बीजेपी के साथ है और ना ही कांग्रेस के साथ। ऐसे में दोनों ही पार्टियां अपना पूरा दमखम ओडिशा में झोंक रही है। 2014 के चुनाव में यहां 20 सीटें BJD और एक सीटें बीजेपी को मिली थी।

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