लोकसभा में भगवंत मान को स्पीकर ने कराया चुप, याद दिलाए नियम कानून

नई दिल्ली। लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला सदस्यों को आए दिन नियमों की सीख देते दिखाई पड़ते हैं। गुरुवार को बिरला ने आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान को नियमों का पाठ पढ़ाते हुए शांत कर दिया। मान किसी मुद्दे पर बोलने के लिए खड़े हुए थे, लेकिन स्पीकर ने उन्हें बीच में ही रोका और बैठाते हुए संसद के कायदे-कानून भी याद दिला दिए।

बता दें कि शून्य काल के दौरान स्पीकर ने आप सांसद भगवंत मान को बोलने की इजाजत दी। तो मान ने विदेशों में बसे भारतीय दूतावास का मुद्दा सदन में उठाया, वह अपनी बात पूरी कर पाते, इससे पहले स्पीकर ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आपने शून्य काल में जिस विषय का नोटिस दिया है उसी विषय को उठाएं। अगर विषय बदलना भी है तो मुझसे इजाजत लें।

स्पीकर ओम बिरला ने आगे कहा कि आपने पंजाब में टीचरों की सैलरी का विषय दिया है, मैं पढ़ा-लिखा सभापति हूं। बिड़ला के यह कहते ही सदन में जोर से ठहाके गूंजने लगे।

इसके बाद स्पीकर ने भगवंत मान को विषय बदलने की इजाजत देते हुए कहा कि अगर किसी को विषय बदलना हो तो वह मुझसे परमिशन ले, मैं इसकी परमिशन दूंगा। पिछले दिनों उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल को भी नसीहत देते हुए कहा था कि वह किसी भी सदस्य को बोलने की आज्ञा न दें, सदन में यह काम स्पीकर का है।

सदन में न लगाएं आरोप
लोकसभा को सुचारू ढंग से चलाने के लिए ओम बिरला ने आज सदन में सदस्यों से आरोप लगाने से बचने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि बगैर तथ्य और प्रमाण के किसी पर भी आरोप-प्रत्यारोप न करें। उन्होंने कहा कि इस सदन के अंदर जिस तरह की हमारी गरिमा है उसका पालन करें, इसी को ध्यान में रखते हुए नए सदस्यों के लिए प्रबोधन कार्यक्रम भी शुरू किया है।

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स्पीकर ने सबसे युवा सांसद चंद्राणी मुर्मू को बोलने का मौका दिया। स्पीकर ने सदन को बताया कि यह सदन की सबसे युवा सांसद है और मैंने खुद इनसे व्यक्तिगत तौर पर अपनी बात सदन में उठाने के लिए कहा था। 25 वर्षीय मुर्मू ओडिशा की क्योंझर लोकसभा सीट से बीजेडी सांसद चुनी गई हैं।

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