पूरे देश में इस 10 सीटों पर होगी काटे की टक्कर…

लोकसभा चुनाव 2019 की जंग आसान नहीं होने वाली इस बात को हर कोई जानता था. लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी की चुनावी लिस्ट आने के बाद कई ऐसी सीटें हैं जिनपर महाटक्कर होने की संभावना प्रबल हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर वाराणसी से मैदान में हैं, तो अमेठी से फिर राहुल गांधी बनाम स्मृति ईरानी होने जा रहा है. बीजेपी की पहली लिस्ट आने के बाद किन सीटों पर जंग रोमाचंक होने वाली है, यहां देखें…

लोकसभा चुनाव 2019

  1.  अमेठी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की पारंपरिक सीट अमेठी में एक बार फिर लड़ाई रोमांचक होने जा रही है. भाजपा ने स्मृति ईरानी को मैदान में उतारा है, 2014 में भी उन्होंने यहां से ही चुनाव लड़ा था. हालांकि, वह चुनाव जीतने में सफल नहीं रही थीं. उसके बावजूद वह पिछले पांच साल से लगातार वहां पर काम कर रही हैं, इसलिए इस बार भी लड़ाई देखने लायक होगी.

  1.  बागपत

राष्ट्रीय लोक दल (RLD) की नई पीढ़ी जयंत चौधरी इस बार बागपत से चुनावी मैदान में हैं. पिछली बार मोदी लहर के चलते सत्यपाल सिंह ने उनके पिता अजित सिंह को यहां पर पटखनी दी थी. लेकिन कैराना में जिस फॉर्मूले ने काम किया, उसके बाद रालोद के हौसले बुलंद हैं. जयंत चौधरी, सपा-बसपा-रालोद के संयुक्त उम्मीदवार हैं. यानी सत्यपाल सिंह के लिए इस बार की जंग आसान नहीं होने वाली है.

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  1.  मुजफ्फरनगर

पश्चिमी उत्तर प्रदेश का जाटलैंड मुजफ्फरनगर इस बार बड़ी सियासी लड़ाई का गवाह बनेगा. यहां से रालोद प्रमुख अजित सिंह चुनावी मैदान में हैं, जिनका मुकाबला संजीव बालियान से होगा. इस क्षेत्र में जाट वोटरों की संख्या काफी ज्यादा है, यही कारण है कि ये लड़ाई कड़ी होने वाली है. 2013 में हुए दंगे के बाद इस सीट पर भाजपा को फायदा हुआ था और 2014 में प्रचंड जीत हासिल हुई थी.

  1.  तिरुअनंतपुरम

केरल की तिरुअनंतपुरम सीट से इस बार की लड़ाई खास है, यहां पर मौजूदा सांसद शशि थरूर का मुकाबला मिजोरम के पूर्व गवर्नर कुम्मनम राजशेखर से है. भाजपा से चुनाव लड़ने के लिए ही उन्होंने गवर्नर पद से इस्तीफा दिया था. तिरुअनंतपुरम सीट पर शशि थरूर काफी समय से सक्रिय रहे हैं, यही कारण है कि उन्हें यहां से मात देना इतना आसान भी नहीं है.

  1.  मुंबई नॉर्थ सेंट्रल

भाजपा के दिग्गज रहे प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन एक बार फिर मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट से चुनाव लड़ेंगी. पिछली बार उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की थी. इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त की बहन प्रिया दत्त चुनाव लड़ रही हैं. प्रिया दत्त ने पहले चुनाव लड़ने से मना किया था, लेकिन बाद में उन्हें टिकट मिल ही गया.

  1.  आसनसोल

आसनसोल लोकसभा सीट से बीजेपी ने एक बार फिर से बाबुल सुप्रियो को मैदान में उतारा है. इस बार आसनसोल का जंग सचमुच खास होने वाली है. 12 मार्च को ममता बनर्जी ने इस सीट से बतौर TMC कैंडिडेट मुनमुन सेन के नाम का ऐलान किया है. मुनमुन सेन प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं और इस वक़्त बांकुरा से सांसद हैं. यानी यहां जंग अभिनेता बनाम अभिनेत्री की है.

आज का राशिफल- 22 मार्च 2019, दिन- शुक्रवार

  1.  वाराणसी

वाराणसी सीट देश की सबसे हाई प्रोफाइल सीट है क्योंकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर यहां से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. 2014 में उन्होंने पहली बार यहां से चुनाव लड़ा था, अब एक बार फिर उन्होंने यहां से लड़ने की ठानी है. खबरें हैं कि विपक्ष यहां से कोई संयुक्त उम्मीदवार उतार सकता है, जबकि दलित नेता चंद्रशेखर आज़ाद भी यहां से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. साफ है कि इस सीट पर क्या होता है, इसको लेकर पूरे देश की नज़र रहेगी.

  1.  गांधीनगर

गुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट से इस बार नया सांसद मिलेगा. भाजपा दिग्गज लालकृष्ण आडवाणी इस बार यहां से चुनाव नहीं लड़ेंगे, उनकी जगह भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह चुनावी मैदान में होंगे. आडवाणी यहां से 8 बार सांसद रह चुके हैं. शाह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, यही कारण है कि इस सीट पर हर किसी की नज़र होगी. और जो भी उनके खिलाफ चुनाव लड़ेगा तो टक्कर कांटेदार ही होगी.

  1.  मुरादाबाद

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस इस बार कई तरह के प्रयोग कर रही है. प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, उनका मुकाबला स्थानीय नेता कुंवर सर्वेश सिंह से है. राज बब्बर 2014 में गाजियाबाद से चुनाव लड़े थे, जहां उन्हें वीके सिंह ने पटखनी दी थी. मुस्लिम बहुल कहे जाने वाले मुरादाबाद में कांग्रेस की ओर से मजबूत प्रत्याशी उतारने से मुकाबला कड़ा हो गया है.

  1.  बंदायू

उत्तर प्रदेश की बंदायू लोकसभा सीट पर लड़ाई इसबार खास है, क्योंकि यहां से भाजपा ने संघमित्रा मौर्य को मौका दिया है. संघमित्रा भाजपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं, जो कि पूर्व में बसपा के बड़े नेता रह चुके हैं. जबकि, समाजवादी पार्टी की तरफ से इस सीट पर धर्मेंद्र यादव चुनाव लड़ेंगे. धर्मेंद्र यादव 2014 में मोदी लहर के बावजूद बड़े अंतर से यहां से चुनाव जीते थे.

 

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