लैंगिक समानता पर आधारित ‘सन राइज’ यहां हुई रिलीज, इस समाज को देना चहते हैं…

नई दिल्ली। अपनी पहली फिल्म ‘डॉटर ऑफ मदर इंडिया’ की सफलता के बाद, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक व निर्माता विभा बख्शी ने मंगलवार को अपनी नई डॉक्यूमेंट्री ‘सन राइज’ राष्ट्रीय राजधानी में रिलीज की।

लैंगिक समानता

इसका उद्देश्य सुरक्षित और एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जहां महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ पुरुष आवाज उठाएं। इस मूवमेंट को ‘यूएन वीमेन’ के ‘हैशटैगहीफॉरशी’ अभियान के तहत समर्थन दिया गया है, जो लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है।

हरियाणा की पृष्ठभूमि पर आधारित इस वृत्तचित्र में साधारण पुरुषों द्वारा महिलाओं को हिंसा से ऊबरने में मदद करने के लिए असाधारण कदम उठाते दिखाया गया है।

डॉक्यूमेंटरी की रिलीज के मौके पर अपने नए वृत्तचित्र के बारे में विभा बख्शी ने कहा, “फिल्म महिलाओं और लड़कियों के प्रति मानसिकता बदलने और एक ऐसा समाज बनाने पर केंद्रित है, जहां सभी के साथ समान व्यवहार किया जाता हो।”

उन्होंने कहा, “‘सन राइज’ के निर्माण के लिए काफी रिसर्च किया गया। समाज में विभिन्न स्तरों पर महिलाओं द्वारा झेली जा रही चुनौतियों के बारे में जाना गया और वास्तविक जीवन के नायकों द्वारा महिलाओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने और समाज में बदलाव लाने के प्रभाव को समझा गया।”

वृत्तचित्र में हरियाणा के जींद जिले में रहने वाले 30 वर्षीय किसान जितेंद्र छतर को दिखाया गया है, जिन्होंने न केवल सामूहिक दुष्कर्म की शिकार एक महिला से शादी की बल्कि उसे इंसाफ दिलाने की लड़ाई भी लड़ रहे हैं।

बेबाक अंदाज से करण जौहर ने बताया कैसे होती है उनके दिन की शुरुआत

इसमें जींद जिले के बीबीपुर के सरपंच 27 वर्षीय सुनील जगलान को भी दिखाया गया है, जिन्होंने बेटियों का पिता होने पर गर्व महसूस करने को लेकर समाज में ‘सेल्फी विद डॉटर’ अभियान की शुरुआत की।

वृत्तचित्र में भारत के सबसे बड़े ग्राम परिषद, जिसमें 1,140 गांव शामिल हैं, उसके खाप प्रमुख बलजीत सिंह मलिक को दिखाया गया, जिन्होंने महिलाओं के घूंघट करने की प्रथा समाप्त करने, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करने के लिए अभियान चलाया है और दहेज प्रथा को खत्म करने का आग्रह किया है।

LIVE TV