Movie Review: समाज के नजरअंदाज किए मुद्दे की लाली को गहरा करती ‘लिपस्टिक’
फिल्म– लिपस्टिक अंडर माय बुर्का
रेटिंग– 4
सर्टिफिकेट– A
अवधि– 2 घंटा
स्टार कास्ट– कोंकणा सेन शर्मा, रतना पाठक शाह, प्लाभिता बोरठाकुर, अहाना कुमरा और सुशांत सिंह
डायरेक्टर– अलंकृता श्रीवास्तव
प्रोड्यूसर– प्रकाश झा, बालाजी टेलिफिल्म्स
म्यूजिक– ज़ेबुन्निसा बंगश
कहानी– फिल्म की कहानी चार औरतों और उनकी फैंटेसी के इर्द गिर्द घूमती है। बुआ जी/उषा (रत्ना पाठक शाह), शिरीन (कोंकणा), लीला (अहाना कुमरा) और रिहाना(प्लाभिता बोरठाकुर) मुख्य किरदार हैं। बुआ जी एक 50 वर्षीय उम्रदराज विधवा हैं। वह सख्त मिजाज दिखती हैं लेकिनअसल में उन्हें रोमांटिक कहानियां पढ़ने का शौक है।
शिरीन एक सेल्सवुमन है। वह अपने पति से छिपकर नौकरी करती है। उसके पति को उसका नौकरी करना बिल्कुल भी नहीं पसंद है। शिरीन के पति के लिए उसकी फैंटेसी कोई माइने नहीं रखती है।
लीला में कहीं न कहीं आज के दौर की लड़की की झलक दिखी है। उसका प्यार/बॉयफ्रेंड और पति दोनों अलग अलग शख्स हैं।
रिहाना कॉलेजजाने वाली एक आम लड़की है जो देसी मिली साइरस बनना चाहती है। उसके मां-बाप को उसका खुलकर जीने का तरीका पसंद नहीं होता है। रिहाना के मां-बाप पुराने विचारों के लोग हैं।
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एक्टिंग– कोंकणा, रत्ना, प्लाभिता और अहाना की एक्टिंग सुपर से भी उपर है। चारों नें पर्दे पर किरदार नहीं जिए हैं ब्लिक असल जिंदगी जी है। फिल्म में चारों ने नेचुरल एक्टिंग से दमदार कहानी में और दम भर दिया है।
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डायरेक्शन– अलंकृता श्रीवास्तव ने फिल्म में कोई कमी नहीं छोड़ी है। फिल्म लिपस्टिक अंडर माय बुर्का के जरिए समाज के ऐसे पहलू पर रोशनी डाली गई है जिसे सब देखकर और जानकर भी नजरअंदाज करते हैं। सेक्स सीन और बोल्ड सीन की भरमार के बावजूद कहानी कहीं घिसटती हुई या वलगर नहीं लगती हैं।
म्यूजिक– फिल्म का म्यूजिक ज़ेबुन्निसा बंदश के दिया है। जिगी जिगी, इश्किया और ले ली जान तीनों गानें ही अच्छे हैं। ले ली जान बाकी गानों के मुकाबले ज्यादा पसंद किया गया है। गाने सभी अच्छे हैं।
देखें या नहीं– औरतों के प्रति की गई पहल को सराहने और समाज के इस पुराने लेकिन नजरअंदाज किए गए मुद्दे पर बनी फिल्म देखने सिनेमाघर जरूर जाएं।