Movie Review: मीठे नहीं फीके निकले लाली की शादी के लड्डू

लाली की शादी में लड्डू दीवानाफिल्म– लाली की शादी में लड्डू दीवाना

सर्टिफिकेट– U/A

रेटिंग – 2

अवधि – 2 घंटे 15 मिनट

स्टारकास्ट -गुरमीत चौधरी, अक्षरा हासन, विवान शाह, कविता वर्मा

डायरेक्टर – मनीष हरिशंकर

प्रोड्यूसर – टीपी अग्रवाल, राहुल अग्रवाल

लेखक – मनीष हरिशंकर

कहानी – लड्डू (विवान शाह) एक मीडिल क्लास परिवार का लड़का है, जो बहुत अमीर आदमी बनना चाहता हैं. अमीर बनने के लिए वह वड़ोदरा आ जाता है वड़ोदरा  में वह अपने पापा के दोस्त के कैफेटेरिया में वेटर का काम करता है. एक दिन उस कैफेटेरिया में एक लड़की आती है, जिसका नाम लाली (अक्षरा हासन) होता है. लड्डू को पहली नजर में उससे प्यार हो जाता है. लाली रोज कैफे में आने लगती हैं. दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगती है. लाली को पता चलता है वो प्रेग्नेंट हैं जब लाली लड्डू को अपनी प्रेग्नेंट होने की बात बताती है वो पापा नहीं बनना चाहता. यहां से  दोनों की लव स्टोरी स्टॉप होती है आगे क्या होगा ये तो फिल्म देखने पर पता चलेगा.

अब यह से कहानी में ट्विस्ट आएगा क्यों कि ये स्टोरी लव ट्राएंगल का रुख लेगी
इस जगह पर एंट्री होगी रामनगर के प्रिंस वीर (गुरमीत चौधरी) की, जो लाली से शादी करना चाहता है क्योंकि पंडित उसे एक प्रेग्नेंट औरत शादी करने को कहते हैं.
एक्टिंग – विवान शाह एक्टिंग करने में नाकाम रहे हैं. फिल्म में अक्षरा हासन भी कुछ नहीं कर पाईं. लेकिन इसके बावजूद दोनों स्टार के बीच कोई केमिस्ट्री नहीं दिखी. सौरभ शुक्ला संजय मिश्रा, दर्शन जड़ीवाला ने अपना काम बखूबी किया है.

डायरेक्शन– लाली की शादी में लड्डू दीवाना की शुरूआत काफी अच्छी होती है लेकिन बीच में फिल्म की कहानी अजीब रुख ले लेती है. डायरेक्टर फिल्म की कहानी से दर्शक को जोड़ नहीं पाते है.

म्यूजिक- फिल्म में जो गाना है वो भी कुछ ख़ास नहीं जो लोगों को इंटरटेन कर सके.

देखें या नहीं – इस मूवी को केवल नई कांसेप्ट की वजह से देखा जाया जा सकता हैं. बाकी कांसेप्ट के अलवा इस मूवी में देखने लायक कुछ नहीं है.

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