फिर पाक को दहलाएगा जगुआर, सेना दी मंजूरी

बेंगलुरू। वायुसेना ने उन्नत लड़ाकू विमान जगुआर के प्रारंभिक संचालन को हरी झंडी दे दी है। यह मंजूरी उप वायुसेना प्रमुख आर.के.एस. भदौरिया द्वारा यहां लड़ाकू विमान में उड़ान भरने के बाद दी गई। सरकारी उपक्रम हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (हाल) ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा, “उप वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल आर.के.एस. भदौरिया ने उन्नत जगुआर दारिन-3 को हाल में यहां उड़ाने के बाद प्रारंभिक संचालन की मंजूरी दे दी।” यह लड़ाकू विमान दो सीटों वाला है।

लड़ाकू विमान जगुआर

आईएएफ की आधुनिकीकरण योजना के तहत एचएएल चार दशक पुराने एंग्लो-फ्रांस निर्मित वायुसेना के ऐसे लगभग 120 लड़ाकू विमानों का उन्नयन कर रहा है। यह मिराज 2000 लड़ाकू विमान की तरह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।

परीक्षण पायलट, विंग कमांडर वी.प्रभाकरण के साथ सह-पायलट के रूप में शहर के पूर्वी उपनगर में स्थित एचएएल के हवाईअड्डे से हाल ही में उड़ान भरने के बाद भदौरिया ने कहा, “उन्नत जगुआर डाटा संचालन और समग्र क्षमताओं की दृष्टि से एक सर्वोत्तम विमान है।”

जगुआर के उन्नयन में कॉकपिट को ऑटोपायलट के साथ जोड़ना, अगली पीढ़ी की वैमानिकी और घातक हथियार शामिल हैं। इसकी परिचालन आयु साल 2030 तक बढ़ाने के लिए इसके उन्नयन पर अनुमानित लागत 3000 करोड़ रुपये है।

इसके अलावा डिजिटल वीडियो रिकार्डिग प्रणाली, उड़ान डाटा रिकार्डर, बहु प्रकार्य प्रदर्शन, 20000 फुट तक ऊंचाई मापक रेडियो यंत्र और दुश्मन या मित्र को चिन्हित करने की सुविधाएं शामिल हैं।

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