बी.एड. एडमिशन में एलयू ने किया करोड़ो का हेरफेर!

लखनऊ| लखनऊ यूनिवर्सिटी पर साल 2015 में हुई बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा में तय मानकों की अनदेखी करने का आरोप लगा है| इनके मुताबिक लखनऊ यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों को फायदा पहुँचाने के लिए मानकों को दरकिनार कर तय सीटों से ज्यादा एडमिशन कर दिए।

खबर के मुताबिक युनिवर्सिटी ने नैशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन के नियमों को ताक पर रखते हुए चार सौ से ज्यादा कॉलेजों में तय सीटों से करीब आठ हजार ज्यादा दाखिले दे दिए| इस लिस्ट में एलयू के भी 12 से अधिक कॉलेज शामिल हैं।

लखनऊ यूनिवर्सिटी

ये मामला स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग के ऑडिट में सामने आया है| अधिकारियों की मानें तो तय सीटों से अधिक दाखिले का ये आंकड़ा 8 हजार से ज्यादा का है। पूरे मामले में विभाग ने गंभीर आपत्तियां लगाते हुए युनिवेर्सिटी प्रशाशन से जवाब मांगा है।

लखनऊ यूनिवर्सिटी ने की पैसों की हेराफेरी

विभाग का ये भी आरोप है कि साल 2015 में हुई बीएड की राज्यस्तरीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा की काउंसलिंग में शामिल हुए 7,563 छात्रों के 3.78 करोड़ रुपये भी लखनऊ यूनिवर्सिटी ने अभी तक नहीं दिए हैं| इस काउंसलिंग से पहले छात्रों से 5-5 हजार रुपये लिए गए थे जो अभी तक वापस नहीं किए गए।

विभाग का कहना है कि, ‘शासन ने एनसीटीई रेग्युलेशन 2014 के तहत ही एडमिशन के निर्देश दिए थे। इसके अनुसार एक यूनिट को 100 से घटाकर 50 सीटें दी जानी थीं। इसके लिए शिक्षकों की संख्या और दूसरे मानकों को भी सख्त किया गया। लेकिन किसी कॉलेज ने इनका पालन नहीं किया। बावजूद इसके बिना जांच पुरानी सीटों पर ही एडमिशन दे दिए गए’।

इस मामले में यूनिवर्सिटी कुलपति प्रो. एसबी निमसे का कहना है कि एडमिशन यूनिवर्सिटी से मिली सीटों पर ही हुए। मामले में आपत्तियों को देखा जा रहा है। यदि किसी प्रकार की विसंगति है तो उसे दूर करेंगे और इसकी निष्पक्षता के साथ पूरी जांच करायी जाएगी|

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