तीन साल से सूर्य की रोशनी से जिन्दा है ये कपल

भूखकैलिफॉर्निया। एक तरफ दुनिया में कुछ लोग ऐसे हैं जो भूख की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं। लेकिन आज हम आप को दो ऐसे इंसानों से मिलवाने वाले हैं जिन्होने पिछले तीन सालों से कुछ नहीं खाया है। दरअसल, अमेरिका में रहने वाले एक जोड़े का कहना है कि उन्हें जीने के लिए खाने की जरूरत नहीं पड़ती। वो सिर्फ सूर्य की रौशनी से जिंदा रहते हैं।

आपको बता दें कि 34 साल की केमिला केस्तेलो और उनके पति अकाही रिकार्डो का दावा है कि वे खाने की जगह, केवल सूर्य की रोशनी से मिली ताकत के बल पर जिंदा रहते हैं। केमिला और अकाही के मुताबिक, वे हफ्ते में केवल 3 बार ही खाते हैं। खाने में वे फल का एक टुकड़ा या फिर सब्जियों का शोरबा ही लेते हैं। इन दोनों का कहना है कि 3 साल तक उन्होंने कुछ भी नहीं खाया और इसके बावजूद उन्हें न कभी कमजोरी हुई और न ही भूख का एहसास ही हुआ।

केमिला और अकाही का कहना है कि वे भूख लगने की याद भी भूल चुके हैं। केमिला ने बताया कि जब वह पहली बार गर्भवती हुईं, तब उन्होंने पूरे 9 महीने में केवल 5 बार ही खाया था। नैशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक, ब्रिटेन में कुल आबादी के करीब 6.7 फीसदी लोगों में खाने-पीने संबंधी विकार है। इन आंकड़ों के हिसाब से देखें, तो केमिला और अकाही का ‘सूर्य की रोशनी’ पर जीने का दावा परेशान करने वाला है। इन दोनों का दावा है कि वे ब्रह्मांड में और खुद के भीतर मौजूद ऊर्जा की ताकत पर जीते हैं।

केमिला और अकाही इसे ‘लौकिक पोषण’ का नाम देते हैं। केमिला ने कहा, ‘इंसान खाने के बिना आसानी से जी सकते हैं। ऐसा करने के लिए उन्हें बाकी चीजों में मौजूद ऊर्जा के साथ खुद को जोड़ना होता है। साथ ही, सांस लेने की क्रिया द्वारा भी वे खुद को पोषण और ऊर्जा दे सकते हैं।’

केमिला बताती हैं, ‘3 साल तक मैंने और अकाही ने एकदम कुछ नहीं खाया। अब हम कभी-कभी थोड़ा बहुत खा लेते हैं। जब हम किसी सामाजिक कार्यक्रम में शिरकत करते हैं, हमें तब कुछ खाना पड़ता है। इसके अलावा जब कभी हमारा कोई फल चखने का मन करता है, तब हम उसका एक टुकड़ा खा लेते हैं।’ वह आगे बताती हैं, ‘जब मैं पहली बार गर्भवती हुई, तब मैंने इस ब्रेथेरियन प्रेग्नेंसी का तरीका आजमाया। मैं पूरी तरह से केवल सूर्य की रोशनी से मिलने वाली ऊर्जा पर निर्भर थी। मैंने कुछ भी नहीं खाया और उस समय भूख जैसी चीज बहुत अजीब सी लगती थी मुझे। मेरे दिमाग में भूख का ख्याल भी नहीं आता था। खान नहीं खाने के बावजूद मेरी पूरी गर्भावस्था में जब-जब मेरे खून की जांच हुई, तब मेरी सेहत बिल्कुल ठीक थी और मैंने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।’ केमिला का कहना है कि उनके प्यार ने पेट में पल रहे बच्चे को सारा जरूरी पोषण दिया। केमिला और अकाही का दावा है कि वे ‘फूड फ्री’ लाइफस्टाइल जी रहे हैं।

यह भी पढ़ें : दारोगा को जाल में फंसाकर युवती ने ऐंठे लाखों रुपए

केमिला और अकाही भले खुद केवल ‘सूर्य से मिलने वाली रोशनी’ पर जीते हों, लेकिन वे अपने बच्चों को खाने-पीने से नहीं रोकते हैं। हालांकि उन्हें यह भरोसा है कि जब उनके बच्चे बड़े होंगे, तब वे खुद भी इसी ब्रेथेरियन लाइफस्टाइल को अपनाना पसंद करंगे। अकाही का कहना है कि 2008 के बाद से उन्होंने कभी भूख को महसूस नहीं किया।

केमिला और अकाही खाना न खाकर जो पैसे बचाते हैं, उसका इस्तेमाल वे घूमने में करते हैं। अकाही ने कहा, ‘बाकी परिवारों के मुकाबले हमारा खर्च कम होता है। इसकी वजह से हम घूमने और साथ मिलकर नई जगहें देखने पर ज्यादा पैसा खर्च कर पाते हैं। इस ब्रेथेरियन लाइफस्टाइल के कारण हम जानते हैं कि जिंदगी में हमारे लिए क्या मायने रखता है।’ इतना ही नहीं, इस जोड़े का यह भी कहना है कि इस ‘फूड-फ्री’ लाइफस्टाइल के कारण वे पहले से कहीं ज्यादा स्वस्थ और फिट महसूस करते हैं। उनके दावों पर ज्यादातर लोगों ने संशय जताया है।

LIVE TV