रोजगार पर राहुल गांधी का बड़ा ऐलान , मार्च 2020 तक 22 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है।  जहां इस घोषणा पत्र में युवाओं को रोजगार देने के लिए कई बड़े वायदे किए गए हैं। देखा जाये तो घोषणा पत्र में दावा किया गया है कि सत्‍ता में आने के बाद सरकार मार्च 2020 तक 22 लाख रिक्‍त पड़े सरकारी पदों को भर देगी।

राहुल गाँधी

लेकिन इसका मतलब यह हुआ कि कांग्रेस की सरकार मार्च तक 22 लाख लोगों को नौकरियां देगी। इसके अलावा घोषणा पत्र में 10 लाख युवाओं को ग्राम पंचायत में रोजगार देने का भी वादा किया गया है।

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बता दें की घोषणा पत्र में लिखा गया है- बीते 5 सालों में बेरोजगारी बढ़ी है और आज यह 6.1 फीसदी के साथ 45 साल के उच्‍चतम स्‍तर पर है।  जहां सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फरवरी तक करीब 3.1 करोड़ लोग नौकरी की तलाश में हैं।

वहीं यह आंकड़े बताते हैं कि रोजगार और श्रम भागीदारी दर में गिरावट आई है। जहां बेरोजगारी की वजह से युवा, महिला, कारोबारी, किसान, दैनिक मजदूर समेत समाज के हर क्षेत्र के लोग प्रभावित हुए हैं।

रोजगार के लिए प्‍लान-

खबरों के मुताबिक घोषणा पत्र में सत्‍ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार की नौकरी देने और नए रोजगार सृजन की प्राथमिकता होगी। जहां रोजगार को लेकर एक नई इंडस्‍ट्री बनाई जाएगी।  इसके अलावा 1 अप्रैल 2019 की 4 लाख वैकेंसी को मार्च 2020 तक भर दी जाएगी।  वहीं घोषणा पत्र के मुताबिक कांग्रेस सरकार राज्‍यों के साथ मिलकर हर ग्राम पंचायत में न्‍यू सेवा मित्र की शुरुआत की जाएगी।

लेकिन इसके जरिए हर ग्राम पंचायत और शहरी लोकल बॉडी में रोजगार सुनिश्चित करने की कोशिश रहेगी। वहीं  न्‍यू सेवा मित्र के जरिए 10 लाख नई नौकरियां मिलने की उम्‍मीद है. घोषणा पत्र में बताया गया है कि सरकारी पदों और एग्‍जाम के लिए आवदेन फीस को खत्‍म कर दिया जाएगा।

दरअसल कांग्रेस सरकार आंगनबाड़ी वर्कर्स और आशा वर्कर्स समेत पैरा स्‍टेट वर्कर्स के लिए फंड में बढ़ोतरी करेगी। जहां  इसके साथ ही राज्‍य सरकारों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वर्कर्स को समय पर न्‍यूनतम वेतनमान मिल रहा है या नहीं। लेकिन सरकार आशा प्रोग्राम का भी विस्‍तार करेगी।  जहां  इसके तहत आशा वर्कर्स की संख्‍या बढ़ाई जाएगी।

छोटे कारोबारियों के लिए-

घोषणा पत्र के मुताबिक माइक्रो, स्‍मॉल एंड मीडियम इंडस्‍ट्री के लिए सरकार परिभाषा में बदलाव करेगी। इसके मुताबिक 10 से कम कर्मचारियों को माइक्रो, 11 से 100 कर्मचारियों की कंपनी को स्‍मॉल और 101 से 500 तक के कर्मचारियों की कंपनी को मीडियम इंडस्‍ट्री की श्रेणी में रखा जाएगा।

जहां  इसके अलावा एन्‍टरप्रन्‍योरशिप और स्‍टार्टअप की मदद के लिए एंटरप्राइज सपोर्ट एजेंसी बनाई जाएगी। तीन साल के लिए देश के युवाओं को बिजनेस खोलने के लिए किसी से कोई इजाजत नहीं लेनी होगी।

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