रेलवे के VIP कोटा में कंफर्म टिकट के बाद भी गोरखपुर रेलवे स्टेशन से लौटा दिए गए यात्री

एक तो मुंबई, अहमदाबाद और यशवंतपुर जाने वाली स्पेशल ट्रेनों में कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा। ऊपर से संबंधित रेलकर्मियों की उदासीनता यात्रियों के सफर पर भारी पड़ जा रही है। सोमवार को ही रेलवे के वीआइपी कोटा से कंफर्म टिकट के आठ यात्रियों को वेटिंग कहकर रेलवे स्टेशन के गेट से ही वापस कर दिया गया। मामला जब प्रकाश में आया तो रेलवे प्रशासन के कान खड़े हो गए। प्रकरण की जांच शुरू हो गई है।

स्टेशन के गेट पर तैनात रेलकर्मियों ने भी नहीं चेक किया टिकट

प्लेटफार्म नंबर तीन से सुबह 6.35 बजे रवाना होने वाली 02591 गोरखपुर-यशवंतपुर एक्सप्रेस के यात्री सुबह 5 बजे से ही स्टेशन पहुंचने लगे। आठ ऐसे यात्री थे जिनका टिकट एस 3 कोच में 18, 19, 20, 21, व 26, 27, 28 व 29 नंबर का बर्थ रेलवे के वीआइपी कोटा से आरक्षित था। प्लेटफार्म पर प्रवेश करते समय गेट पर खड़े टिकट परीक्षकों को उन्होंने टिकट दिखाया। दूर से टिकट देखने के बाद टिकट परीक्षकों ने कहा कि वेटिंग है। वेटिंग टिकट पर यात्रा करने की अनुमति नहीं है। गांव के कामगार यात्री निराश होकर गेट से ही लौट गए। टिकट परीक्षकों ने भी अपना चार्ट नहीं देखा और ना ही टिकट को चेक किया। 

रेलवे ने शुरू की जांच

यात्रियों ने स्टेशन परिसर से बाहर निकलकर कंपनी मालिक को फोन करके शिकायत की तो मामला खुला। दरअसल, कंपनी मालिक ने टिकट कंफर्म कराने के लिए रेलवे बोर्ड से ही पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन को आवेदन कराया था। कामगार यात्री बेंगलुरु स्थित कंपनी में कार्य करते हैं। प्रकरण जब रेलवे बोर्ड तक पहुंचा तो जांच शुरू हो गई। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार जांच में दोषी पाए जाने वाले कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

कामगारों को बुलाने के लिए कंपनी मालिक कर रहे टिकट की व्यवस्था

लॉकडाउन में घर आए गए पूर्वांचल के कामगारों के बिना मुंबई, पुणे, सूरत, अहमदाबाद, बेंगलुरु की कंपनियों के ताले नहीं खुल पा रहे। कामगार रोजीरोटी के लिए फिर से घर से निकलना चाह रहे हैं और मालिक कामगारों को बुलाना चाह रहे हैं। लेकिन ट्रेनों में कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा। अक्टूबर तक सभी स्पेशल ट्रेनें फुल हैं। फिलहाल, कंपनी मालिक ही कामगारों के लिए टिकट की व्यवस्था कर रहे हैं।

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